आम आदमी पार्टी के गुजरात इकाई के प्रमुख और सूरत के कतारगाम विधानसभा सीट के प्रत्याशी गोपाल इटालिया उन युवा नेताओं में शामिल हैं जिसने अपने संघर्ष से अपनी पहचान बनायी। संघर्षशील इटालिया की पहचान 2015 -2016 के पाटीदार आंदोलन से हुई लेकिन वह पाटीदार आंदोलन के पहली पंक्ति के नेता नहीं थे। आम पाटीदार युवक की तरह सरकारी कर्मचारी होने के बावजूद सरकार के खिलाफ हुए , गिरफ्तार हुए , जेल गए और नौकरी खोयी।
21 जुलाई 1989 को गुजरात के बोटाद में एक सामान्य किसान परिवार में जन्मे गोपाल ने अपनी प्राथमिक शिक्षा भावनगर जिले के उमराला तालुका के टिम्बी गांव में और माध्यमिक शिक्षा ढोला गाँव में पूरी की। उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय , अहमदाबाद से राजनीति विज्ञान में डिग्री के साथ स्नातक किया। बगावत गोपाल में शुरू से ही थी। लम्बे कद के गोपाल सब कुछ बदल देने में मानते हैं।
2013 में गुजरात पुलिस में शामिल हुए थे। वह अहमदाबाद के माधुपुरा पुलिस स्टेशन में एक कांस्टेबल के रूप में लोक रक्षक दल का हिस्सा थे। उनके करीबी उन्हें निरंतर आगे बढ़ते रहने वाले व्यक्ति के रूप में व्याख्यायित करते हैं।
2014 में इटालिया को अहमदाबाद कलेक्ट्रेट में क्लर्क की नौकरी मिल गई। हालांकि तीन साल में ही उन्हें राजस्व विभाग की इस नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया।
क्लर्क की नौकरी करते हु्ए इटालिया पाटीदार आरक्षण आंदोलन के एक शुभचिंतक व्यक्ति के रूप में उभरे। साल 2015 में जब आन्दोलन अपने चरम पर था,इटालिया सोशल मीडिया के सहारे गुजरात के पटेलों में अपनी पहचान बना रहे थे। तब तक पटेल आंदोलन का चेहरा बन चुके हार्दिक पटेल के नजदीक आने का मौका यही से मिला।
साल 2017 में एक कॉल रिकॉर्डिंग वायरल होने के बाद, अचानक से इटालिया मीडिया में छा गए। जनवरी का महीना था, इटालिया ने तत्कालीन डिप्टी सीएम नितिन पटेल को फोन कर खुद को एक पुलिस कॉन्स्टेबल बताया। उपमुख्यमंत्री से बातचीत करते हुए उन्होंने शराबबंदी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि गुजरात में शराब ब्लैक में बेची जा रही है। इस धंधे में पुलिस, नेता, व्यापारी सब शामिल हैं।
डेढ़ मिनट का की बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद गुजरात सरकार की खूब किरकिरी हुई। इटालिया पर मामला दर्ज किया गया क्योंकि उन्होंने कॉन्सटेबल बनकर बात की थी, जबकि पुलिस की नौकरी वह 2014 में ही छोड़ चुके थे।
2017 में ही इटालिया दूसरी बार गृह मंत्री पर जूता फेंकने के लिए चर्चा में आए। इटालिया ने राज्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए विधानसभा के बाहर गुजरात के तत्कालीन मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा पर जूता फेंकते हुए चिल्लाकर कहा था- ये सरकार घमंडी है, भ्रष्ट है। बेरोजगारों का शोषण करती है। इटालिया ने जूता फेंकने का काम सरकारी क्लर्क रहते हुए किया था। जिसके कारण सेवा नियमों के उल्लंघन के आरोप में उन्हें राजस्व विभाग से बर्खास्त कर दिया।2017 विधानसभा चुनाव में वह सूरत में कांग्रेस के लिए काम भी किया। पास नेता हार्दिक पटेल कांग्रेस में शामिल हो चुके थे और कांग्रेस में उनकी पूंछ भी जमकर हो रही थी। लेकिन 2017 के विधानसभा परिणाम आने के बाद पाटीदार आंदोलन ठंडा पड़ गया।
नौकरी से बर्खास्त इटालिया ने 2018 में, उन्होंने संविधान कानून के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए” कायदा कथा ” शुरू की। जिसका वह फेसबुक से लाइव करते थे। जिससे वह जन अधिकार की जानकारी देते थे। इस दौरान वह खुलकर दक्षिणपंथ के खिलाफ बोलते थे।
आप में शामिल होने के पहले गोपाल कांग्रेस में शामिल होना चाहते थे ,लेकिन तात्कालिक प्रदेश नेतृत्व ने उन्हें ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया। इसी दौरान गुलाब यादव को आम आदमी पार्टी का गुजरात प्रभारी बनाया गया। तब गुजरात में आप का संगठन कागज पर ही था। आप के प्रदेश संयोजक प्रोफ़ेसर किशोर देसाई की उम्र संगठन विस्तार में बाधक बन रही थी। गुलाब यादव से पहली मुलाकात में ही गोपाल के आप में जाने का रास्ता तैयार हो गया। जून 2020 में, इटालिया आम आदमी पार्टी, गुजरात के राज्य उपाध्यक्ष के रूप में AAP में शामिल हो गए।
इस दौरान उन्होंने गुलाब यादव के साथ गुजरात का दौरा किया ,गोपाल की आक्रामकता आप प्रभारी को रास आयी और उन्हें 12 दिसंबर 2020 को पार्टी का राज्य अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उसके बाद इटालिया ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
भगत सिंह को अपना आदर्श मानने वाले इस युवक का विवादों से गहरा नाता है। नवंबर 2018 में, फेसबुक पर एक लाइव वीडियो में, इटालिया ने हवा में गोलियां चलाईं, जिसमें किसानों द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले जानवरों को डराने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली प्लास्टिक की बंदूक का प्रदर्शन किया गया। घटना का वीडियो वायरल हो गया। जिसमे उनकी गिरफ्तारी हुयी।
12 दिसंबर 2021 को आयोजित 186 हेड क्लर्कों की भर्ती का पेपर लीक हो गया। पेपर लीक के बाद परीक्षा रद्द कर दी गई थी। इटालिया ने 500 आप सदस्यों के साथ भारतीय जनता पार्टी के नेता असित वोरा को गुजरात अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (जीएसएसएसबी) के अध्यक्ष पद से हटाने के लिए भाजपा कार्यालय में विरोध प्रदर्शन किया। जिसके लिए आप के मुख्यमंत्री चेहरे इसूदान गढ़वी गोपाल इटालिया समेत आप कार्यकर्ताओं 10 दिन साबरमती जेल में बिताए।
उनके कई पुराने वीडियो समय समय पर वायरल होते रहते हैं और उन्हें मुसीबत में डालते रहते है। प्रधानमंत्री पर निजी टिप्पणी , महिलाओं के मंदिर ना जाने संबंधी कई बयान वह वजह बने जिससे पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने से परहेज किया। 33 के इस युवा का उनके लम्बे कद सियासी भविष्य कितना लंबा यह बहुत कुछ इस चुनाव में तय हो जाएगा।
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