अनेकता में एकता , दोस्ती की विशेषता
अहमदाबाद निवासी तलहा सरेशवाला ने अपनी 45 साल पुरानी दोस्ती की कहानी साझा करते हुए बताया की ,” हम ज़ेवीअर स्कूल से साथ है और यह 45 वर्ष का रिश्ता है , हमारे ग्रूप में हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई पारसी जैन हर धर्म का मेल है और यह भारत में ही सम्भव है क्यूँकि भारत की विशेषता है अनेकता में एकता आज हमारी उम्र 40 वर्ष से अधिक है पर अभी भी सब नया नया सा लगता है।”
समय और स्थान से परे दोस्ती
यह कहानी है नेहा चोपड़ा की जिन्होंने अपने करीबी मित्र संचित को 10 वर्ष पहले एक सड़क दुर्घटना में खो दिया वह वाइब्ज़ ओफ़ इंडिया को बताते हुए कहती है कि,”मैं संचित को तब से जानती थी जब वो सिक्स पैक एब्स वाला स्मार्ट सा लड़का था जो खड़े होकर मुझे गले लगाता था ! अगस्त हमारे लिए फ्रेंडशिप डे लेकर आया है और यह उसका जन्मदिन का महीना भी है। 10 साल हो गए हैं मैंने उसे भीषण दुर्घटना में खो दिया। उसके अलविदा कहने के साथ ही ज़िंदगी में ख़ालीपन सा भर गया जो कभी और कोई भी नहीं भर पाता । हालांकि हर फ्रेंडशिप डे मुझे यह सोच कर दुखी कर देता है की वो मेरे साथ नहीं ।
वो हमेशा लोगों को खुश और प्यार महसूस कराता रहा। हर जगह यह एहसास होता है की वो मौजूद है।कई बार ऐसा होता है जब मैं कभी बैठी रहती हूँ तो उसकी यादें, मेरे दिमाग में दौड़ती हैं। और सबसे ज़्यादा
- हमारा केक-स्मज्ड बर्थडे सेलिब्रेशन
- रॉकफोर्ड देखना
- हमारी ऑल टाइम फेवरेट फ्रेंडशिप फिल्म
- हमारी लंबी बाइक की सवारी “यारों दोस्ती बड़ी ही हसीन है” गाते हुए ड्राइव करना
-भागने और सेना में शामिल होने की हमारी असफल योजना – आगरा से धौलपुर के लिए बस की सवारी । - हमारी होली का समय मस्ती, नॉन-स्टॉप डांस और शरारत करना।
- हमारे अनगिनत झगड़े – तकिए की लड़ाई, पानी की लड़ाई, महा-कुश्ती – मेरी पहली पैरा-सेलिंग, जब मैं खुशी-खुशी हवा में गा रही थी और उसको लगा कि मैं मदद के लिए रो रही हूं । यह सब बहुत याद आता है। मैं खुश हूं कि हमारे पास इतने साल मस्ती और हंसी से भरे रहे। मुझे यह जानकर बहुत बुरा लगता है की अब कोई भी पत्र , कॉल पत्र, कॉल, संदेश, नहीं आएगा ना ही बाइक की सवारी होगी…!मुझे याद है फिल्म – बकेट लिस्ट देखने के बाद, उसने मुझसे कहा था, “जब मैं चला गया, मुझे जाने दो, मेरे पास देखने और करने के लिए बहुत सी चीजें हैं”। वो यादों और कहानियों के माध्यम से मेरे साथ रहता है ।क्योंकि सबसे अच्छे दोस्त समय और स्थान से परे होते हैं पर दिल से क़रीब होते है। “
समानता से दोस्त और फिर कपल का सफर
यह कहानी है मिलन देवमानी आरती मकवाना की जिनके पेशे भिन्न है पर काफी बातों में उनमे समानता है मिलन ने बताया की ,”आमतौर पर कपल के पास बहुत सारी समस्याएँ होती हैं। यदि वे लव मैरिज को अरेंज मैरिज में बदलना चाहते हैं, लेकिन सब कुछ सिर्फ हमारे लिए ही प्लान किया गया था। हमारी बातों में बहुत समानता थी, हम एक ही स्ट्रीम में थे, हम एक ही समुदाय से हैं, हम एक ही स्थान से हैं, हमारे माता-पिता की योग्यता और नौकरी भी समान है, (हंसते हुए) पहले तो हमने यही सोचा की इतनी समानता सगे भाई बहन में ही मिलती है ,पर समानताओं पर अधिक ध्यान देकर भाई बहन बनने के बजाय पहले दोस्त बनने का फ़ैसला किया और ना जाने दोस्त से हम कब कपल बन गए।”
उनके अनुसार यह आम सोच है कि दोस्तों के बीच एक जैसी सोच या आम बातें होती हैं, इसलिए वे दोस्त होते हैं पर साथ ही साथ हम एक दूसरे के दर्द और खुशी को एक दोस्त के रूप में समझ सकते हैं इसलिए हर रिश्ते में हम बहुत अच्छी दोस्ती बन सकती हैं, चाहे वह मां-बेटी हो या पति-पत्नी। हर अच्छे रिश्ते की शुरुआत अच्छी दोस्ती से होती है दोस्ती केवल दो अनजान लोगों के बारे में नहीं है।