गुजरात पुलिस को महिसागर जिले में संतरामपुर गांव के एक सुनसान घर में नाबालिग लड़की का अवैध गर्भपात कराने वाली चार महिलाओं की तलाश है। इससे भी बदतर यह कि गर्भपात के दौरान लहूलुहान नाबालिग लड़की का वीडियो बनाया लिया गया। वाइब्स ऑफ़ इंडिया के पास इसका असली वीडियो है, लेकिन यह मूल रूप में दिखाए जाने लायक नहीं है। जिस नाबालिग का गर्भपात कराया गया है, वह 14-15 साल से अधिक उम्र की नहीं दिखती। ऐसे में लगता है कि पैसा देकर गर्भपात कराया गया है। निश्चित रूप से इसमें लड़की के परिवार के शामिल होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
वीडियो में चार महिलाओं को संतरामपुर गांव में एफसीआई गोदाम के पीछे एक पुराने जर्जर घर में कैंची और पुराने घरेलू उपकरणों से गर्भपात करते हुए दिखाया गया है।
माना जा रहा है कि वीडियो में दिखती एक महिला एक निजी अस्पताल में नर्स है। शायद प्रियल अस्पताल की। वीडियो में दिखता है कि सुनसान इमारत से बमुश्किल 100 मीटर की दूरी पर जब वह नाबालिग की गर्भपात की कोशिश कर रही होती है, तब तीन अन्य महिलाओं ने लड़की को पकड़ रखा था। लड़की को पहले इंजेक्शन दिया गया। इससे वह बेहोश हो गई। सूत्रों ने वाइब्स ऑफ इंडिया को बताया कि इंजेक्शन पास के अस्पताल में भी लगाया जा सकता था और फिर लड़की को गर्भपात के लिए सुनसान घर में लाया जा सकता था।
संपर्क करने पर प्रियल अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मिनेश शाह ने वीओआइ को फोन पर कहा, “मैं व्यस्त हूं। कृपया थोड़ी देर बाद कॉल करें।”
वीडियो मीडिया में लीक हो गया था। इसकी एक प्रति वाइब्स ऑफ इंडिया को भी भेजी गई थी। इसके बाद वीडियो को मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी स्वप्निल शाह के सामने चलाया गया। शाह ने वाइब्स ऑफ इंडिया से कहा, “मैं पहले से ही जांच के लिए मौके पर हूं। यह एक गंभीर मामला है।” दरअसल जब वीओआई ने शाह से संपर्क किया, तब वह जिला एमटीपी (मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी) समिति के अध्यक्ष डॉ जेके पटेल के साथ गांव पहुंचे थे। सीडीएचओ ने कहा, “मुझे बताया गया है कि वीडियो छह महीने पुराना हो सकता है। हमें पहले वीडियो की सत्यता की जांच करनी होगी और फिर उचित कार्रवाई शुरू करनी होगी। चाहे वह छह महीने पुराना हो या कल का। यह गंभीर मामला है।”
महिसागर के पुलिस अधीक्षक आरपी बरोट ने बताया, “स्वास्थ्य अधिकारियों ने हमें वीडियो के बारे में सूचित किया है। जांच के लिए हमने स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ पीएसआई पार्थ राठौड़ के नेतृत्व में एक टीम गांव में भेज दी है।”
मौके से लौटे पीएसआई राठौड़ ने वाइब्स ऑफ इंडिया को बताया, ‘वीडियो पुराना लग रहा है, लेकिन है यह असली। घटना हुई थी। हमें संतरामपुर में घर मिल गया है। गर्भपात करने वाली महिला की पहचान खेरवा गांव की कालीबेन विनोदभाई संगदा के रूप में हुई है, जो प्रियल अस्पताल में नर्स के रूप में काम करती है। स्वास्थ्य टीम ने मौके से कुछ गोलियां जमा की हैं, लेकिन कोई उपकरण या औजार नहीं मिला है।”
इस बीच, सीडीएचओ स्वप्निल शाह ने कहा, “वीडियो सच है और हमने कुछ टैबलेट बरामद किए हैं। इससे पता चलता है कि इसका इस्तेमाल गर्भपात के लिए किया गया होगा। कोई अन्य उपकरण नहीं मिला। हम प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया में हैं।” नर्स के बारे में पूछे जाने पर, शाह ने कहा, “ऐसा लगता है कि वह महिला गायब हो गई है। वह करीब 15 दिनों से घर नहीं आई है।”
यह पूछने पर कि क्या वे प्रियल अस्पताल के अधिकारियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करेंगे, उन्होंने कहा, “अभी नहीं। लेकिन जैसे-जैसे पुलिस जांच आगे बढ़ेगी और हमें पता चलेगा कि इसमें कौन शामिल है, तो आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।”