गुजरात 1995 से भाजपा का गढ़ रहा है। यहां विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 93 सीटों के लिए वोट सोमवार यानी 5 दिसंबर को पड़ेंगे। गौरतलब है कि 2017 का चुनाव भाजपा के लिए बहुत करीबी रहा था, जिसमें भगवा पार्टी कड़े संघर्ष के बाद कांग्रेस की 77 सीटों के मुकाबले 99 सीटें जीत सकी थीं। इस बार मैदान में आम आदमी पार्टी यानी आप भी है। सिर्फ कहने के लिए नहीं, बल्कि सत्ता के लिए पूरू ताकत से चुनाव लड़ रही है। ऐसे में जहां पारंपरिक रूप से भाजपा और कांग्रेस के बीच दोतरफा मुकाबला देखा जाता रहा है, वहां अबकी त्रिकोणीय मुकाबला हो गया है।
इन 5 सीटों पर हैं बड़े मुकाबलेः
• घाटलोडिया: भूपेंद्र पटेल (भाजपा) बनाम अमी याग्निक (कांग्रेस)
गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल इस सीट से फिर से चुनाव लड़ रहे हैं। इसे उन्होंने पिछले चुनाव में 1,17,750 मतों के भारी अंतर से जीता था। अहमदाबाद नगर निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुके इस इंजीनियर ने 12 सितंबर, 2021 को विजय रूपाणी से मुख्यमंत्री की कुर्सी ले ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की है कि चुनाव के बाद भी पटेल ही सीएम बने रहेंगे। पहली बार विधायक बनने वाले सीएम के खिलाफ कांग्रेस के अमी याज्ञनिक हैं, जो 2018 में राज्यसभा के लिए चुने गए थे। चुनाव मैदान में आप की ओर से विजय पटेल हैं।
वडगाम: जिग्नेश मेवाणी (कांग्रेस) बनाम मणिलाल वाघेला (भाजपा)
यह सीट वर्तमान में जिग्नेश मेवाणी के पास है। भाजपा ने पूर्व कांग्रेस नेता मणिलाल वाघेला को मैदान में उतारा है। वाघेला ने 2012 के चुनाव में अपने भाजपा प्रतिद्वंद्वी को 21,839 वोटों से हराया था। वहीं कांग्रेस ने इस बार मेवाणी पर भरोसा जताया है, जो पिछले चुनावों में निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे। पूर्व पत्रकार और वकील मेवाणी राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के संस्थापक हैं और गुजरात में कई आंदोलनों में सबसे आगे रहे हैं। हालांकि, इस बार एआईएमआईएम और आप की एंट्री से उन्हें कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
वीरमगाम: हार्दिक पटेल (भाजपा) बनाम लखाभाई भारवाड़ (कांग्रेस)
पाटीदार कोटा आंदोलन की अगुआई करने से चर्चित हुए हार्दिक पटेल औपचारिक रूप से 12 मार्च, 2019 को कांग्रेस में शामिल हुए और उन्हें 11 जुलाई, 2020 को पार्टी की गुजरात इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। लेकिन उन्होंने 18 मई को कांग्रेस छोड़ दी। पार्टी नेतृत्व पर करारा हमला करते हुए वह जून में भाजपा में शामिल हो गए। पटेल वीरमगाम से चुनावी शुरुआत कर रहे हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस ने लखाभाई भारवाड़ को टिकट दिया है, जिन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की तेजश्री पटेल को 6,548 मतों के मामूली अंतर से हराया था।
• गांधीनगर दक्षिण: अल्पेश ठाकोर (भाजपा) बनाम हिमांशु पटेल (कांग्रेस)
गांधीनगर दक्षिण को भाजपा के लिए एक और प्रतिष्ठित सीट माना जाता है, क्योंकि इसने अल्पेश ठाकोर को मैदान में उतारा है। 2017 के चुनाव में कांग्रेस के दमदार प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार प्रमुख नेताओं में से एक ठाकोर राधनपुर से जीते थे। हालांकि 2019 में पार्टी बदलते हुए भाजपा के हो गए, लेकिन बाद के उपचुनाव में वह अपनी सीट बरकरार नहीं रख सके। भाजपा के शंभूजी ठाकोर ने 2012 और 2017 में गांधीनगर दक्षिण सीट पर जीत हासिल की थी। भाजपा के गढ़ के रूप में देखी जाने वाली इस सीट पर ठाकोर को टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने हिमांशु पटेल को मैदान में उतारा है।
• गोधरा: सीके राउलजी (भाजपा) बनाम रश्मिताबेन चौहान (कांग्रेस)
कांग्रेसी से भाजपा नेता बने सीके राउलजी गोधरा से लगातार चौथी जीत की उम्मीद कर रहे हैं। बता दें कि वह 2007 और 2012 में कांग्रेस के टिकट पर जीते थे। राउलजी पिछली बार भाजपा उम्मीदवार के रूप में केवल 258 मतों से इस सीट को बरकरार रखने में सफल रहे थे। चुनाव के दौरान विपक्ष को घेरने के लिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ जैसे बीजेपी नेताओं ने 2002 के ट्रेन नरसंहार का भी उदाहरण दिया, जिसमें 59 हिंदू तीर्थयात्रियों और कारसेवकों की जान चली गई थी। इधर कांग्रेस, एआईएमआईएम और आप ने क्रमशः रश्मिताबेन चौहान, हसन शब्बीर कछबा और राजेशभाई पटेल को चुनाव मैदान में उतारा है।
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