कोलकाताः भारत की पहली ट्रांसजेंडर जज जोयिता मंडल ने अपनी कम्युनिटी के सदस्यों के लिए सरकारी नौकरियों में रिजर्वेशन की मांग की है। उन्होंने कहा है कि पुलिस और रेलवे जैसे क्षेत्रों में उनके प्रवेश से उनके प्रति समाज का दृष्टिकोण बदलेगा और जीवन में वे काफी आगे बढ़ सकेंगे।
मंडल ने कहा कि उनकी कम्युनिटी को भी देश में पर्याप्त संख्या में आश्रय गृहों (shelter homes) की जरूरत है। सरकार को इस संबंध में योजना शुरू करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “ट्रांसजेंडर कम्युनिटी को सरकारी नौकरियों में रिजर्वेशन देना बहुत महत्वपूर्ण है। अगर मेरे पास नौकरी नहीं है, तो मुझे कौन खिलाएगा?”
बता दें कि मंडल को 2017 में पश्चिम बंगाल में इस्लामपुर की लोक अदालत में जज बनाया गया था। वह देश में इस तरह का पद संभालने वाली अपनी कम्युनिटी की पहली सदस्य थीं।
इसके बाद 2018 में ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता विद्या कांबले को महाराष्ट्र के नागपुर की एक लोक अदालत में सदस्य जज बनाया गया था। उसी साल बाद में देश को तीसरा ट्रांसजेंडर जज स्वाति बिधान बरुआ के रूप में मिला। वह गुवाहाटी से हैं।
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते एक ऐतिहासिक फैसले में महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट को बताया कि तीसरे लिंग के सदस्य पुलिस कांस्टेबल के पद के लिए आवेदन कर सकते हैं। राज्य सरकार फरवरी 2023 तक उनके शारीरिक परीक्षण के लिए स्टैंडर्ड तय करने वाले नियम बना लेगी।