- महाराष्ट्र, पंजाब, छत्तीसगढ़, दिल्ली, राजस्थान और झारखंड जैसे राज्यों के ड्रग नेटवर्क को तोड़ने में गुजरात पुलिस की अहम् भूमिका
- पिछले एक साल में गुजरात पुलिस ने कुल 485 मामलों में 763 आरोपियों को गिरफ्तार किया है
- पिछले एक साल में एक भी ड्रग डीलर को नहीं मिली जमानत
गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले ” ड्रग्स ” के सहारे विपक्ष गुजरात सरकार पर हमलावर हैं वही गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने साफ कर दिया कि ” ड्रग्स गुजरात में सामने से नहीं पकड़ा जाता है , बल्कि गुजरात पुलिस की कड़ी मेहनत और राज्य सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति के परिणामस्वरूप कार्यवाही होती है मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में यह लड़ाई लंबे समय तक जारी रहेगी। महाराष्ट्र, पंजाब, छत्तीसगढ़, दिल्ली, राजस्थान और झारखंड जैसे राज्यों के ड्रग नेटवर्क को तोड़ने में गुजरात पुलिस की भूमिका बेहद अहम साबित हो रही है.
गृह मंत्री ने गांधीनगर में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि गुजरात पुलिस ने पिछले एक साल में कुल 485 मामलों में 763 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और 6 हजार 4 करोड़ 52 लाख 24 हजार रुपये से अधिक की नशीला पदार्थ जब्त किया है. युवाओं को नशे के चंगुल से छुड़ाने और पुलिस का मनोबल बढ़ाने की मंशा से गुजरात ने ड्रग रिवॉर्ड पॉलिसी पूरे देश में लागू की है, जिसका नतीजा है कि पिछले एक साल में भारी मात्रा में नशीला पदार्थ जब्त किया गया है. एक ड्रग डीलर को जमानत नहीं मिली है।
उन्होंने कहा कि एनसीआरबी की 2021 की रिपोर्ट में हिंसक-शारीरिक अपराधों के मामले में भारत के 36 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों में गुजरात क्रमशः 32 वें और 31 वें स्थान पर है।
जबकि ड्रग्स पकड़ने में गुजरात सबसे आगे है। गुजरात पुलिस ने गुजरात के बाहर महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली जैसे राज्यों में भी ड्रग्स को जब्त किया है। तथाकथित राष्ट्रीय युवा नेता ने ड्रग्स जैसी सामाजिक बुराइयों से लड़ने के बजाय राजनीति खेलकर पाप किया है। एनसीआरबी की 2021 की रिपोर्ट में कांग्रेस शासित किसी भी राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं है।
गृह राज्य मंत्री ने कहा कि गुजरात पुलिस के अधिकारियों ने भिखारी, पानीपुरीवाले और दूधवाले बनकर ड्रग माफिया को पकड़ा है. महाराष्ट्र में कांग्रेस के राज में सब्जी की आड़ में नशीला पदार्थ बेचने वाले सलीम को गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
गृह राज्य मंत्री ने एनसीआरबी की 2021 की रिपोर्ट के अनुसार अन्य राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के साथ गुजरात की अपराध दर की तुलना करते हुए कहा कि “पूरे भारत में हिंसक अपराध में अपराध दर 30.2 है जबकि गुजरात में 11.9 है। जिसमें गुजरात 32वें स्थान पर है। हत्या, बलात्कार, अपहरण जैसे शरीर के खिलाफ अपराधों के मामले में भारत में अपराध दर 80.5 है जबकि गुजरात में यह 28.6 है जिसमें गुजरात 31वें स्थान पर है। पूरे भारत में संपत्ति से जुड़े मामलों में अपराध की दर 55.8 है जबकि गुजरात 21.7 के साथ 27वें स्थान पर है। चोरी के अपराध में पूरे भारत में अपराध दर 42.9 है जबकि गुजरात 15.2 के साथ 27वें स्थान पर है। सेंधमारी के मामले में पूरे भारत में अपराध दर 7.2 है जबकि गुजरात 4.2 के साथ 24वें स्थान पर है। पूरे भारत में डकैती की अपराध दर 2.1 है, जबकि गुजरात 0.8 की अपराध दर के साथ 23वें स्थान पर है। गुजरात 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में छापेमारी के मामले में 14वें स्थान पर है। महिलाओं के खिलाफ अपराध में अखिल भारतीय अपराध दर 64.5 है जबकि गुजरात 22.1 के साथ 33वें स्थान पर है। बच्चों के खिलाफ अपराध के मामले में पूरे भारत में 33.6 है, जिसकी तुलना में गुजरात 21.6 अपराध दर के साथ 27वें स्थान पर है।
गृह राज्य मंत्री श्री हर्ष संघवी ने कहा है कि गुजरात में शक्तिहीन कांग्रेस अब सत्ता पाने के सपने देख रही है।कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा आज ड्रग्स के मुद्दे पर दिए गए बयानों की कड़ी आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह का बयान देकर राज्य के नागरिकों को गुमराह करना अच्छा नहीं है कि वे गुमराह करने में लगे हैं, राज्य की जनता ने अब उन्हें पहचान लिया है।
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ड्रग माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई करती रही है, और करती रहेगी। प्रदेश के युवाओं को नशे के चंगुल से मुक्त कराना हमारी प्राथमिकता है, इसलिए हम मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति के चलते कई कड़े कदम उठा रहे हैं, जिसका नतीजा है कि प्रदेश में नशा तस्कर पैर रखते पकडे जा रहे हैं ।गुजरात को बदनाम करने के लिए जो निकले हैं उन्हें दूसरे राज्यों पर भी नजर रखने की जरुरत है।