अहमदाबाद: शहर के पश्चिमी इलाके में एक महिला दूसरी बार गर्भवती हो गई। परिवार ने इस खुशी को धूमधाम से मनाया, लेकिन महिला आश्चर्यजनक रूप से उदास थी। छिप कर सुनी हुई बातों से पति को पता चला कि बच्चा उसका नहीं, बल्कि उसके बड़े भाई का था। बातचीत से पता चलता है कि जहां भाई अपनी भाभी के साथ अफेयर से खुश था, वहीं वह अपनी पत्नी को छोड़ने को तैयार नहीं था। आखिरकार गर्भवती महिला को उसके पति ने घर से निकाल दिया।
यह अभयम 181 महिला हेल्पलाइन द्वारा 2022 में प्रति घंटे एक मामले की दर से विवाहेतर (extramarital) संबंधों से संबंधित 9,382 कॉलों में से एक थी। वास्तव में 2018 से 2022 तक जीवनसाथी की बेवफाई से जुड़े कॉल 3,837 से बढ़कर 9,382 हो गए, जो 2.5 गुना वृद्धि का संकेत है। घरेलू हिंसा और उत्पीड़न (violence and harassment) के बाद विवाहेतर संबंध हेल्पलाइन पर तीसरी सबसे बड़ी कॉल वाली श्रेणी थी।
कॉल मुख्य रूप से अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा और राजकोट से थे। 9 हजार से अधिक कॉल में से 4,426 या करीब आधे कॉल इन चार प्रमुख शहरों से थे। अहमदाबाद की हेल्पलाइन कोऑर्डिनेटर फाल्गुनी पटेल ने कहा कि पिछले तीन सालों से उन्होंने विवाहेतर संबंधों पर डेटिंग ऐप्स और सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव को देखा है। वह कहती हैं, “यह अक्सर परिवार का करीबी सदस्य, सहकर्मी, दोस्त या ऑनलाइन परिचित होता है, जो पति-पत्नी के बीच वो की भूमिका निभाता है। ऐसे में या तो पत्नी या प्रेमिका सहायता मांगने के लिए हेल्पलाइन से संपर्क करती है।”
ईएमआरआई (EMRI) गुजरात के सीओओ जशवंत प्रजापति ने कहा, “पहले मामले प्रमुख शहरों से अधिक जुड़े थे। लेकिन अब हमें लगभग सभी क्षेत्रों से फोन आ रहे हैं। जागरूकता में भी वृद्धि हुई है कि यह मुद्दों को हल करने का एक तरीका हो सकता है।” उन्होंने कहा, “हेल्पलाइन पर कॉल में समग्र वृद्धि के कारणों में से एक बेहतर जागरूकता और व्यापक पहुंच (wider reach) हो सकती है।”
महिलाओं के मुद्दों के लिए काम करने वाले शहर स्थित AWAG नामक NGO की सचिव झरना पाठक ने कहा कि उन्होंने 2020 और 2021 की तुलना में 2022 में घरेलू हिंसा के मामलों में वृद्धि देखी है। उन्होंने कहा, “इसके लिए आर्थिक मुद्दों के साथ-साथ विवाहेतर संबंध प्राथमिक कारणों में से एक पाए जाते हैं। मामले और भी अधिक हो सकते हैं, क्योंकि अक्सर महिलाएं औपचारिक एजेंसियों (formal agencies) से संपर्क नहीं करती हैं।”
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