विदेश मंत्री एस जयशंकर (External affairs minister S Jaishankar) ने शुक्रवार को गुजरात के लोगों के महत्वपूर्ण आर्थिक योगदान की सराहना करते हुए उद्यमिता, जोखिम लेने की क्षमता और वैश्विक स्तर पर अवसर तलाशने की इच्छा के लिए राज्य की प्रतिष्ठा पर प्रकाश डाला।
जयशंकर ने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट (Vibrant Gujarat Global Summit) के 10वें संस्करण के उद्घाटन समारोह में कहा, “गुजरात लंबे समय से इस देश का एकोनिमिक लीडर रहा है।”
गुजराती समुदाय की वैश्विक उपस्थिति (global presence) पर जयशंकर ने कहा, “दुनिया में ऐसा कोई देश नहीं है जहां कोई गुजराती न हो, और कभी-कभी मुझे संदेह होता है कि यही कारण है कि उन्होंने विदेश मामलों के मंत्री को उस राज्य से संसद में भेजने का विकल्प चुना।”
उन्होंने भारत के आर्थिक परिदृश्य में गुजरात के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “चूंकि गुजरात अग्रणी, निष्पादक रहा है, इसलिए गुजरात में आर्थिक घटना का बहुत विशेष महत्व है। इसलिए वहां आने वाला कोई भी व्यक्ति न केवल भारत के प्रदर्शन को बल्कि भारत की भविष्य की संभावनाओं को भी देख रहा है।”
गुजरात से जुड़ी प्रमुख आर्थिक पहलों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे के भारतीय समापन बिंदु के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो हाल ही में जी20 शिखर सम्मेलन (G20 summit) के दौरान एक महत्वपूर्ण फोकस रहा था।
भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक कॉरीडोर एग्रीमेंट, इस वर्ष नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन में भारत, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूरोपीय संघ द्वारा हस्ताक्षरित – इसमें दो अलग-अलग कॉरीडोर शामिल होंगे, जिसमें पूर्व भारत को पश्चिम एशिया/मध्य पूर्व से जोड़ने वाला कॉरीडोर और पश्चिम एशिया/मध्य पूर्व को यूरोप से जोड़ने वाला उत्तरी कॉरीडोर।