नई दिल्ली: एलन मस्क के एआई चैटबॉट ग्रोक से भड़काऊ सवाल पूछने पर उपयोगकर्ता और प्लेटफॉर्म दोनों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई हो सकती है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब भारत सरकार कंटेंट रेगुलेशन पर अपने रुख को स्पष्ट कर रही है। यह विवाद उस समय और गहरा गया जब X (पहले ट्विटर) ने कर्नाटक हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर सरकार द्वारा किए गए कंटेंट हटाने के आदेशों को ‘अवैध सेंसरशिप’ करार दिया।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब ग्रोक के हिंदी उत्तरों में अपमानजनक भाषा और अश्लील शब्दों के उपयोग की खबरें सामने आईं। इस मुद्दे के बीच, X ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 79(3)(b) की सरकार द्वारा की जा रही व्याख्या को चुनौती दी है। X का दावा है कि यह धारा सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के खिलाफ है और ऑनलाइन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बाधित करती है।
इस याचिका की सुनवाई 27 मार्च को होनी है। X ने अदालत से यह घोषित करने की मांग की है कि धारा 79(3)(b) सरकार को X पर पोस्ट की गई जानकारी को ब्लॉक करने का अधिकार नहीं देती है। कंपनी का कहना है कि ऐसा कोई भी आदेश केवल आईटी अधिनियम की धारा 69A और आईटी नियम, 2009 के तहत ही दिया जा सकता है।
यह भी पढ़ें- वडोदरा पुलिस ने 20 दिनों तक बंधक बनाए गए फंड मैनेजर को बचाया, हनी-ट्रैप की जांच जारी