भारत निर्वाचन आयोग Election Commission of India ने एकनाथ शिंदे Eknath Shinde की टीम को असली शिवसेना Shiv Sena के रूप में मान्यता दे दी है. आयोग ने शुक्रवार को शिवसेना का ‘धनुष बाण ”bow and arrow ‘ चुनाव चिह्न Election symbol भी शिंदे गुट को दे दिया है. इस फैसले के बाद उद्धव ठाकरे Uddhav Thackeray की टीम को करारा झटका लगा है. उद्धव ठाकरे को अपनी पार्टी का नाम और पहचान (चुनाव चिह्न) दोनों खोना पड़ा है.
पिछले साल जून में एकनाथ शिंदे ने बगावत करके उद्धव ठाकरे की महाविकास अघाड़ी सरकार का तख्तापलट कर दिया था. तब से पार्टी उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के समर्थकों के बीच बंट गई थी.
शिंदे गुट की बगावत के बाद महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था. फिर एकनाथ शिंदे ने सीएम और बीजेपी से देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी.
इसके बाद तो दोनों गुटों में खींचतान और बयानबाजी तेज हो गई थी. दोनों ही गुट बालासाहेब ठाकरे की पार्टी और विचारधारा पर अपना दावा ठोंक रहे थे.
चुनाव आयोग ने पाया कि उद्धव गुट की पार्टी का संविधान अलोकतांत्रिक है. इसमें लोगों को बिना किसी के चुनाव के नियुक्त किया गया था. आयोग ने यह भी पाया कि शिवसेना के मूल संविधान में अलोकतांत्रिक तरीकों को गुपचुप तरीके से वापस लाया गया, जिससे पार्टी निजी जागीर के समान हो गई.
इन तरीकों को चुनाव आयोग 1999 में नामंजूर कर चुका था. इसी के साथ महाराष्ट्र में शिवसेना से अब उद्धव गुट की दावेदारी खत्म मानी जा रही है.
चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ उध्दव गुट ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है।
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