डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जा रहा है लेकिन एनपीपीए बढ़ाने की मांग को लेकर सूरत न्यू सिविल अस्पताल और सरकारी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर, शिक्षक और अधिकारी सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. सोमवार को सिविल में 100 से अधिक नियोजित सर्जरी टाल दी गई।डॉक्टरों ने सोमवार को मांग नहीं मानने के कारण आज तीसरे दिन भी हड़ताल पर रहे। सूरत सिविल अस्पताल परिसर में डॉक्टरों ने सत्यनारायण की पूजा की और विरोध किया।
डॉक्टर सत्यनारायण की कथा सुन रहे है , सरकार उदासीन है , लेकिन तड़प मरीज रहे हैं। उनके ऑपरेशन नहीं हो रहे ,कुछ मरीज तो महीनो से ऑपरेशन की तारीख का इंतज़ार कर रहे थे , बड़ी मुश्किल से उनका नंबर लगा था , लेकिन हड़ताल के कारण फिर भी ओपरेशन नहीं हो पा रहा है।
राज्य भर में 10,000 से अधिक डॉक्टर लगातार तीसरे दिन भी डॉक्टर हड़ताल पर हैं। अस्पताल में आने वाले मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. इसलिए लगातार तीसरे दिन डॉक्टरों ने खुद को काम से अलग कर रखा है। , जिसके कारण अमरनाथ यात्रा के लिए मेडिकल जांच के साथ-साथ फिटनेस सर्टिफिकेट सहित काम भी स्थगित कर दिया गया।
फिर बुधवार को मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने सत्यनारायण भगवान की कथा सुनाने के साथ ही अंगदान का संकल्प लेकर विरोध जताया.डॉ पारुल वडगामा ने बताया कि बुधवार को कॉलेज के नए भवन की पार्किंग में चिकित्सा शिक्षकों द्वारा सत्यनारायण भगवान की कथा का आयोजन किया गया है. अंगदान का संकल्प लेकर विरोध दर्ज कराया गया हैं । राज्य में 10,000 से अधिक सरकारी डॉक्टर सोमवार से हड़ताल पर चले गए हैं उनकी मांगोन को लेकर सरकार ने कोई प्रतिक्रिया अभी तक नहीं दी है। डॉक्टरों ने मांग पूरी होने तक हड़ताल जारी रखने की धमकी दी है।
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