सूरतः दुनिया में पॉलिश किए गए 11 में से नौ हीरे को यहीं चमकाए जाने की बात जगजाहिर है। लेकिन डायमंड सिटी ने अमेरिका के रक्षा मुख्यालय यानी पेंटागन से दुनिया के सबसे बड़े कार्यालय भवनों (office buildings) में से एक के रूप में पछाड़ कर (overthrowing) अपनी शानदार संभावनाओं में नया आयाम जोड़ लिया है। यह कामयाबी मिली है शहर के रियल्टी सेक्टर (realty sector) में। जी हां, सूरत डायमंड बुर्स (SDB) की बिल्डिंग 67,28,604 वर्ग फीट में बनी है, जो 66,73,624 वर्ग फीट में बनी पेंटागन से भी अधिक है।
बात यहीं खत्म नहीं होती है। इसलिए कि विशाल संरचना (massive structure) को इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल द्वारा प्लैटिनम ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफिकेट से भी प्रमाणित (certified) किया गया है। एसडीबी कोर कमेटी के अध्यक्ष वल्लभ लखानी ने कहा, “दुनिया के 90 प्रतिशत हीरे सूरत में बनते हैं, लेकिन व्यापार के लिए हमें मुंबई जाना पड़ता है। हमें एक व्यापारिक केंद्र (trading hub) के रूप में बुनियादी ढांचे (infrastructure) की आवश्यकता थी। यह दुनिया का सबसे बड़ा कार्यालय भवन (office building) है और हमने भविष्य के विकास (future growth) को ध्यान में रखते हुए योजना बनाई है ।”
एसडीबी ने दिसंबर 2017 में गैर-लाभकारी उद्देश्यों (non-profit objectives) को बढ़ावा देने के लिए एक कंपनी बनाने के बाद धीरे-धीरे आकार लेना शुरू किया। फिर कोविड-19 की वजह से आई महामारी में दो साल की देरी के बावजूद प्रोजेक्ट हाल ही में पूरा हो गया। नौ 15 मंजिला टावरों की हर मंजिल स्पाइन गलियारों (corridors) से जुड़ी हुई है और इसमें 4,500 ऑफिस हैं। डायमंड रिसर्च एंड मर्केंटाइल (DREAM) सिटी में 35.54 एकड़ भूमि में फैली परियोजना की कुल लागत (total cost) 3,200 करोड़ रुपये है।
एसडीबी एक प्रमाणित ग्रीन बिल्डिंग भी है
एसडीबी के सीईओ महेश गढ़वी ने बताया कि एसडीबी एक पूर्व-प्रमाणित (pre-certified) प्लेटिनम ग्रीन बिल्डिंग है। सबसे बड़ी होने के बावजूद इस बिल्डिंग की डिजाइन ऐसी है कि कोई भी इंट्री प्वाइंट (entry point) से अधिक से अधिक छह मिनट में अपने ऑफिस तक पहुंच सकता है। कोर कमेटी (core committee) के सदस्य माथुर सवानी (Mathur Savani) ने कहा कि सूरत को हीरा व्यापार का हब बनाने मकसद से दुनिया की सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग (office building) बनाई गई है। इसके साथ ही एसडीबी के पास सबसे अच्छी सेवाएं और सुरक्षा है, जो किसी भी हीरा बिजनेस के लिए एक जरूरी शर्त है। लखानी ने कहा कि मुंबई की तुलना में सूरत में रहने (the cost of living) की लागत और आने- जाने (commuting) का खर्च बहुत कम है। एसडीबी ने फर्नीचर के काम के लिए ऑफिसों का कब्जा देना शुरू कर दिया है।
अगर बीजेपी के अमित मालवीय ने कह दिया तो इंस्टाग्राम उसे बिना पूछे हटा देता है