नए टोकन नियम से 1 जुलाई से बदल जाएंगे डेबिट और क्रेडिट कार्ड के नियम

Gujarat News, Gujarati News, Latest Gujarati News, Gujarat Breaking News, Gujarat Samachar.

Latest Gujarati News, Breaking News in Gujarati, Gujarat Samachar, ગુજરાતી સમાચાર, Gujarati News Live, Gujarati News Channel, Gujarati News Today, National Gujarati News, International Gujarati News, Sports Gujarati News, Exclusive Gujarati News, Coronavirus Gujarati News, Entertainment Gujarati News, Business Gujarati News, Technology Gujarati News, Automobile Gujarati News, Elections 2022 Gujarati News, Viral Social News in Gujarati, Indian Politics News in Gujarati, Gujarati News Headlines, World News In Gujarati, Cricket News In Gujarati

नए टोकन नियम से 1 जुलाई से बदल जाएंगे डेबिट और क्रेडिट कार्ड के नियम

| Updated: June 13, 2022 11:58

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नए टोकन नियम के लागू होने से पहली जुलाई से ग्राहकों के लिए कार्ड से लेनदेन करने का तरीका बदल जाएगा। सुरक्षा और धोखाधड़ी से बचने के लिए आरबीआई ने 30 जून तक ग्राहकों के कार्ड डेटा को अपडेट करने की समयसीमा तय की थी।

इसका अनिवार्य रूप से मतलब है कि प्रत्येक कार्ड खरीद के लिए ग्राहक को या तो कार्ड डेटा को मैन्युअल रूप से दर्ज करना होगा या जारीकर्ता को कार्ड का कार्ड-ऑन-फाइल टोकननाइजेशन करने के लिए एक मानक निर्देश देना होगा, ताकि इसके जरिये ओटीपी का उपयोग करके लेनदेन पूरा किया जा सके। बता दें कि आरबीआई ने शुरुआत में कार्ड-ऑन-फाइल टोकन के लिए एक जनवरी की समय सीमा ही तय की थी, जिसे भुगतान कंपनियों और उद्योग निकायों की मांग के बाद 1 जुलाई तक बढ़ा दिया गया था। इसमें कहा गया था कि उन्हें ओटीपी व्यवस्था लागू करने के लिए जरूरी तकनीकी बदलाव की खातिर और समय चाहिए।

डेबिट, क्रेडिट कार्ड टोकनाइजेशन में क्या है?

एक जुलाई से लागू नए नियमों के अनुसार, बिना सहमति के कार्ड जारी करने या अपग्रेड करने पर रोक होगी। अगर बिना सहमति के कार्ड जारी किया जाता है या मौजूदा कार्ड को प्राप्तकर्ता की मंजूरी के बिना अपग्रेड और एक्टिवेट किया जाता है और इसके लिए बिल दिया जाता है, तो कार्ड जारीकर्ता को न केवल पैसे वापस करने होंगे, बल्कि बिना किसी देरी के प्राप्तकर्ता को वापस किए गए शुल्क के मूल्य का दोगुना जुर्माना भी देना होगा। इतना ही नहीं, अगर कार्ड जारी करने की तारीख से 30 दिनों से अधिक समय तक ग्राहक द्वारा इसे एक्टिवेट नहीं किया जाता है, तो कार्ड-जारीकर्ता क्रेडिट कार्ड को एक्टिवेट करने के लिए ग्राहक से वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आधारित सहमति लेंगे। अगर कार्ड को एक्टिवेट करने के लिए कोई सहमति प्राप्त नहीं होती है, तो कार्ड जारीकर्ता ग्राहक से पुष्टि प्राप्त करने की तारीख से सात दिन के भीतर बिना किसी लागत के क्रेडिट कार्ड अकाउंट बंद कर देगा।

एक सामान्य ऑनलाइन खरीदारी में यह कैसे काम करता है-

लेन-देन शुरू होने से पहले व्यापारी टोकन सेट करेगा और ग्राहक की सहमति लेने के बाद टोकन बनाने के लिए कार्ड नेटवर्क को अनुरोध भेजेगा। 16 अंकों वाली संख्या, जो कार्ड-नंबर के प्रॉक्सी के रूप में कार्य करेगी, व्यापारी को वापस भेज दी जाएगी, जो इस नंबर को सभी लेनदेन के लिए सहेज लेगा। ग्राहक को हर ट्रांजैक्शन के लिए अपना सीवीवी और ओटीपी भी डालना होगा। एक ही ग्राहक द्वारा उपयोग किए जाने वाले कार्डों की संख्या के लिए समान प्रक्रिया लागू होती है।

वैसे कार्ड-टोकन अनिवार्य नहीं है। यदि ग्राहक कार्ड का टोकन नहीं प्राप्त करना चाहता है, तो कार्ड का उपयोग करके ऑनलाइन खरीदारी करने पर हर बार एक ही कार्ड नंबर दर्ज करना होगा।

1 जुलाई से कार्ड ऐसे करेगा काम

आरबीआई ने बताया कि पहली जुलाई के बाद व्यापारियों के पास क्रेडिट और डेबिट कार्ड नंबर मिटा दिए जाएंगे। उनके पास पहले की तरह कार्ड नंबर तक कोई सीधी पहुंच नहीं होगी। यानी यदि कार्ड-टोकन के लिए सहमति नहीं दी गई है, तो हर बार जब ग्राहक कार्ड का उपयोग करके ऑनलाइन लेनदेन करेगा, तो कार्ड डेटा को मैन्युअल रूप से टाइप करना होगा। उन ग्राहकों के मामले में जिन्होंने अपने कार्ड डेटा को नए टोकन नियम से जोड़ लिया है, उन्हें प्रत्येक लेनदेन के लिए कार्ड टोकन और उसके बाद सीवीवी और ओटीपी नंबर दर्ज करना होगा, ताकि लेनदेन पूरा हो सके।

टोकनयुक्त कार्ड कैसे प्राप्त करें?

आप टोकन रिक्वेस्टर के माध्यम से बैंक की वेबसाइट या ऐप पर रिक्वेस्ट देकर कार्ड टोकन ले सकते हैं। एक बार जब टोकन रिक्वेस्टर पर अनुरोध कर देते हैं, तो मर्चेंट सीधे उस बैंक को अनुरोध भेज देगा जिसने क्रेडिट कार्ड/वीजा/मास्टरकार्ड/डिनर/रूपे जारी किया था। टोकन रिक्वेस्टर से टोकन अनुरोध प्राप्त करने वाली पार्टी एक टोकन बनाएगी जो कार्ड, टोकन अनुरोधकर्ता और मर्चेंट से संबंधित होगा। टोकन कार्ड मोबाइल क्रेडिट कार्ड पर एनएफसी इनेबल पीओएस लेनदेन, भारत क्यूआर कोड आधारित भुगतान ऑनलाइन या ऑफलाइन भुगतान के लिए लागू होते हैं। साथ ही सभी संभव ऑनलाइन और ऑफलाइन मर्चेंट पर भी लागू होते हैं।

यह भी पढ़ें: जानें कैसे दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग ने बॉलीवुड से फिल्मों की सफलता और मुनाफ़े की पोजीशन हासिल की!

Your email address will not be published. Required fields are marked *