मुंबईः सीमा शुल्क अधीक्षक (Superintendent of Customs) रवि राज की नवी मुंबई के प्राइवेट अस्पताल में मौत हो गई। परिवार ने आरोप लगाया है कि 37 वर्षीय कस्टम अफसर की मौत अस्पताल वालों की “लापरवाही” के कारण हुई। वह छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर तैनात थे। अफसरों ने कहा कि तस्करी के सोने और नशीले पदार्थों की कई खेपों को जब्त करने (had been instrumental in seizing several consignments of smuggled gold and narcotic drugs) में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी।
उन्हें शनिवार देर रात दिल का दौरा पड़ा था। उनके रिश्तेदारों और दोस्तों ने प्राइवेट अस्पताल पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। कहा, अस्पताल वालों ने “उन्हें दो घंटे देर से सीपीआर उपचार (CPR treatment) दिया, यानी कीमती समय बर्बाद किया गया”। कई सीनियर कस्टम अफसरों ने अस्पताल के अधिकारियों पर इलाज में लापरवाही के लिए मामला दर्ज करने की मांग की है। पुलिस को दी गई अर्जी में उनकी पत्नी ने कहा है कि राज ने एसिडिटी, बेचैनी की शिकायत की थी और उल्टियां आने की प्रवृत्ति (Raj had complained of acidity, uneasiness and showed the tendency to throw up) दिखाई थी। उन्होंने कहा है कि परिवार तुरंत उन्हें 3.30 बजे प्राइवेट अस्पताल में ले गया। पत्नी ने बताया है कि वहां उस समय कोई “योग्य” (qualified) डॉक्टर नहीं था। वहां सिर्फ कर्मचारी थे। अपनी शिकायत में पत्नी ने बताया है कि उन्होंने पहुंचते ही बता दिया था कि उनके पति को पहले से ही दिल की बीमारी है। इसलिए तुरंत इलाज शुरू होना चाहिए था।
उन्होंने कहा है, “लेकिन किसी काबिल डॉक्टर द्वारा तुरंत इलाज कराने के बजाय कर्मचारी हमें आश्वस्त करते रहे कि यह बहुत सामान्य है और चिंता की कोई बात नहीं है। हालांकि मेरे पति सहज महसूस नहीं कर रहे थे।”
उन्होंने आरोप लगाया है कि नर्सों और अन्य मेडिकल स्टाफ ने उन्हें सूचित किया कि एक डॉक्टर आने ही वाला है, लेकिन मेरे पति को देखने के लिए कोई डॉक्टर नहीं था और न ही मेडिकल स्टाफ द्वारा उस पर उचित ध्यान दिया गया। लगभग दो तक सीपीआर तक नहीं किया किया गया। डॉक्टर जब सुबह साढ़े पांच बजे आए, तब सीपीआर शुरू किया गया। उन्होंने कहा, “लगभग 3 घंटे तक मेरे पति दर्द और पीड़ा में रहे और उनकी स्थिति बिगड़ती जा रही थी, लेकिन किसी भी डॉक्टर ने वक्त पर इलाज नहीं किया। आखिरकार उनका असामयिक निधन हो गया।”
राज के एक सहयोगी ने आरोप लगाया कि अस्पताल से डॉक्टर को तत्काल बुलाने का अनुरोध करने के बावजूद, वे नहीं आए। उन्होंने कहा, “यह सरासर लापरवाही है।”
कामोठे थाने की सीनियर इंस्पेक्टर स्मिता जाधव ने कहा कि फिलहाल दुर्घटनावश मौत की रिपोर्ट दर्ज की गई है। परिवार की शिकायत पर विचार करते हुए हम इस मामले को मेडिकल बोर्ड के पास भेजेंगे। वही बता सकता है कि यह लापरवाही है या नहीं। फिर उस रिपोर्ट के आधार पर हम फैसला करेंगे।
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