अहमदाबाद में पकडे गए 1800 करोड़ के क्रिकेट सट्टा की जांच डीजीपी ने अहमदाबाद पुलिस आयुक्त द्वारा गठित एसआईटी से लेकर स्टेट मॉनिटरिंग सेल को सौप दिया है। माधवपुरा इलाके के सुमैल बिजनेस पार्क स्थित एक कार्यालय से 1800 करोड़ के क्रिकेट सट्टे का पर्दाफाश किया गया था , इस मामले की जांच गहनता से चल रही थी।
जाँच के दौरान सीजी रोड के एक सोनी का नाम सामने आया। साथ ही विज्ञापन करने वाले कुछ हीरो-हीरोइन को जांच के लिए समन भेजने की प्रक्रिया चल रही थी। इस बीच, साफ-सुथरे रिकॉर्ड वाले डीजीपी विकास सहाय ने सीट से जांच लेकर स्टेट मॉनिटरिंग सेल को सौंप दी । इस मामले में सिंगापुर, दुबई कनेक्शन का भी खुलासा हुआ है । चारों आरोपी पकडे गए थे जबकि 16 बड़े सटोरियो के नाम जांच के दौरान सामने आये हैं।
क्या था 1800 करोड़ के क्रिकेट सट्टा का मामला
अहमदाबाद पुलिस कमिश्नरसंजय श्रीवास्तव के दस्ते ने माधवपुरा इलाके से गुजरात के इतिहास का सबसे बड़ा क्रिकेट रैकेट पकड़ा था . पीसीबी को सूचना मिली थी कि माधवपुरा के सुमैल बिजनेस पार्क-6 स्थित दुकान नंबर 128 में क्रिकेट पर सट्टा खेला जा रहा है. दुकान में महावीर इंटरप्राइजेज नाम की कंपनी रजिस्टर्ड है। पुलिस ने बताया कि सुमैल बिजनेस पार्क में छापेमारी के दौरान हर्षित बाबूलाल जैन (पल्लवी सोसाइटी, शाहीबाग निवासी) मुख्य सरगना के तौर पर सामने आया था जिसमें अजयकुमार जितेंद्रकुमार जैन (मेघानीनगर निवासी) ने दस्तावेज के आधार पर महावीर इंटरप्राइजेज नाम से कंपनी बनाई। पुलिस ने स्थल से जितेंद्र तेजाभाई हीरागर (निवासी – लक्ष्मीनगर ,साबरमती), सतीश पोखराज परिहार (निवासी -नंदनवन ,अपार्टमेंट, न्यू वाडज), अंकित दिनेश गहलोत (निवासी , रत्नसागर सोसाइटी, मेघानीनगर) और नीरव किरीट पटेल (निवासी शुभम गैलेक्सी , हरि दर्शन नरोडा ) को गिरफ्तार किया। आफिस में अवैध वित्तीय लेनदेन व डमी बैंक खाते बनाने का खुलासा हुआ। पुलिस को इस गिरोह से 193 अलग-अलग सिम कार्ड, खुले 536 बैंक खाते और उनकी चेक बुक और एटीएम डेबिट कार्ड मिले । पुलिस ने जांच के दौरान 1800 करोड़ का हवाला लेनदेन के दस्तावेज बरामद किए हैं,जो दुबई और सिंगापूर से जुड़े हुए थे।
पुलिस ने उदयपुर के डेविड, शाहीबाग के निकुंज अग्रवाल, अहमदाबाद के कुणाल, राजस्थान के मेसी, मुंबई के गरुड़ा , मुंबई के ऋषि सुगर, वर्तमान में दुबई में रहने वाले सौरभ चंद्राकर उर्फ महादेव, दुबई में रहने वाले गांधीधाम के अमित मजेठिया, पालड़ी के मानुष शाह , दुबई के अन्ना रेड्डी, कमलभाई, कार्तिक, जितेंद्र ठक्कर, विवेक जैन, नीलेश, SkyExchange.com, Abesch.com, DiamondA9.com, Betba247. कॉम, खलीफाबुक, राधेबुक, महादेव बुक, अन्नाकृष्णाबुक और सीबीटीएफ के कर्ता हर्ता को पुलिस ने वांछित घोषित किया है। पुलिस ने 3.38 लाख रुपये की नकदी जब्त की है और जांच कर रही है।
536 बैंक खाते मिले, कंपनियों और निजी व्यक्तियों के नाम पर
पुलिस कार्यालय से 536 बैंक खातों का विवरण प्राप्त किया गया है। हर एक अकाउंट नंबर के आधार पर पुलिस ने उसकी जानकारी जुटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस को इनके पास से बैंक खाता पासबुक, चेक बुक भी मिले हैं। यह भी पता चला है कि डमी अकाउंट है और पुलिस ने डमी कंपनी और अकाउंट को लेकर जांच की है।
अलग-अलग बैंकों के 528 डेबिट व एटीएम कार्ड मिले, 83 स्टैंप मिले
विभिन्न बैंकों के 528 डेबिट और एटीएम कार्ड प्राप्त हुए हैं। उससे इस खाते की डिटेल मांगी गई है। चूंकि कुछ खाते कंपनी के हैं, इसलिए उनके स्टैंप भी मिले हैं। ये कंपनियां किसके नाम पर हैं और किसके नाम पर अकाउंट हैं, इसकी जांच पुलिस ने कर ली है।
14 स्वैपिंग मशीन, 7 पैन कार्ड, इससे डेबिट कार्ड स्वैपिंग
पुलिस को जाँच के दौरान 14 स्वैपिंग मशीनें मिली हैं। उसके पास से 7 पैन कार्ड बरामद हुए हैं। जैसे ही पैसा बैंक खाते में आ रहा था, गिरोह इन डेबिट कार्डों और एटीएम कार्डों में पैसे निकाल लेता था । वह सिंगापुर और दुबई में करोड़ों रुपये ट्रांसफर करते थे । पुलिस की जांच में करीब 1800 करोड़ के लेनदेन का पता चला है।
आईपीएस और राजनीतिक नेताओं के थे संबंध
माधवपुरा थाने में जिन सट्टेबाजों के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है, वे बड़े और रसूकदार सट्टेबाज हैं जो विदेश में रहते हैं और स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि उनका कारोबार वैध है। इस मामले में उजागर हुए सट्टेबाजों के संबंध आईपीएस अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं से हैं। लिहाजा सट्टेबाजों के राजनीतिक दबाव के चलते थाने में चर्चा है कि जांच स्टेट मॉनिटरिंग सेल को सौंप दी गई है.
- स्टेट मॉनिटरिंग सेल को क्यों सौपी गयी जांच
अहमदाबाद सीट के पास राज्य पुलिस प्रमुख विकास सहाय ने जांच का जिम्मा स्टेट मॉनिटरिंग सेल को सौप दी है। उनके द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि चूंकि जांच राज्य भर में और देश के विभिन्न हिस्सों में होनी है, इसलिए उचित जांच के लिए जांच स्टेट मॉनिटरिंग सेल को सौंपी जा रही है. इसके साथ ही अहमदाबाद क्राइम ब्रांच में क्रिकेट सट्टे को लेकर एक बड़ी शिकायत की गई है। पीएमओ के नाम पर ठगी करने वाली किरण पटेल जैसे मामले जिसने अलग-अलग राज्यों में अपराध किए, लेकिन कई सवाल उठ रहे हैं कि राज्य के पुलिस प्रमुख ने उस जांच को महत्वपूर्ण नहीं माना। राज्य के पुलिस प्रमुख विकास सहाय से फोन पर संपर्क करने पर उन्होंने फोन उठाने की जहमत नहीं उठाई.
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