गुजरात के जूनागढ़ जिले के एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय की छत में आई दरारों का वीडियो सामने आने के बाद राज्य के शिक्षा मंत्री प्रफुल्ल पंसेरिया ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। वीडियो में छात्र मापने के पैमाने और एक पतले तार की मदद से छत की दरारों की जांच करते नजर आ रहे हैं, जिससे स्कूल के निर्माण की घटिया गुणवत्ता उजागर हुई है।
यह वीडियो जूनागढ़ जिले की भेसन तालुका के खजुरी हदमाटिया गांव के सरकारी प्राथमिक विद्यालय का है। इस स्कूल की नई इमारत का ग्राउंड फ्लोर स्लैब 19 मार्च को स्मार्ट स्कूल परियोजना के तहत डाला गया था। लेकिन अगले ही दिन गांव वालों ने छत में गंभीर दरारें देखीं। स्थानीय अधिकारियों को इस बारे में शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों का आरोप है कि उनके गांव को ‘अंत्योदय’ (अंतिम छोर पर स्थित) गांव होने के कारण राजनीतिक रूप से महत्वहीन माना जाता है, जिसके चलते उनकी शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया गया।
स्थानीय प्रशासन की उदासीनता से परेशान होकर ग्रामीणों ने खुद वीडियो बनाकर इसे सीधे शिक्षा मंत्री पंसेरिया को भेज दिया। वीडियो प्राप्त होते ही मंत्री ने जिला परियोजना अभियंता, थर्ड-पार्टी इंजीनियर और अन्य सिविल विशेषज्ञों को मौके पर भेजकर स्थिति की जांच करने के निर्देश दिए।
मामले की गंभीरता को देखते हुए मंत्री पंसेरिया ने कहा, “यदि निर्माण के अगले ही दिन यह स्थिति है, तो सोचिए एक-दो महीने में अगर छत गिर गई तो छात्रों की जान को कितना खतरा होगा। मैं खुद को माफ नहीं कर पाऊंगा।” उन्होंने अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर छत को ध्वस्त करने का निर्देश दिया, क्योंकि इसके नीचे अभी भी लोहे और लकड़ी की शटरिंग सामग्री मौजूद थी।
उन्होंने आगे कहा, “सरकार इस निर्माण कार्य के लिए प्रति वर्ग फुट 1,400 रुपये का भुगतान कर रही है। गुजरात के शिक्षा तंत्र में किसी भी प्रकार की कुप्रबंधन या भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” उन्होंने जोर देकर कहा कि यह ध्वस्तीकरण आदेश शिक्षा अवसंरचना में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए दिया गया है।
समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशक रंजीत कुमार जे ने पुष्टि की कि निर्माण एजेंसी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने कहा, “तालुका-स्तरीय रिपोर्ट और विशेषज्ञों के मूल्यांकन के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, इसी एजेंसी द्वारा किए गए अन्य निर्माण कार्यों की भी जांच की जाएगी।”
सूत्रों के अनुसार, इस निर्माण कार्य का ठेका एक राजकोट स्थित एजेंसी को दिया गया था। उसे निर्देश दिया गया है कि वह ध्वस्तीकरण की रिपोर्ट के साथ निर्माण कार्य की तस्वीरें गांधीनगर स्थित शिक्षा विभाग को प्रस्तुत करे।
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