अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) के अध्यक्ष महंत नरेंद्रगिरि की मौत के आरोपी आनंदगिरि को जेल में पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की गई है। उसने पहले खुद पर जानलेवा हमले की आशंका जताई थी। हालाकि, आनंदगिरि इस मामले में शुरू से ही विवाद और संदेह का विषय रहे हैं।
प्रयागराज के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) हरेंद्र नाथ ने गुरुवार को नैनी सेंट्रल जेल के अधीक्षक को नियमावली के अनुसार सुरक्षा मुहैया कराने को कहा था| उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इसे कोर्ट में पेश करने का भी निर्देश दिया था।
इससे पहले आनंद गिरी ने कोर्ट में याचिका कर के अपनी जान को खतरा होने का आरोप लगाया था। हालाकि उस पर नरेंद्रगिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है।
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत आनंदगिरी सहित दो अन्य आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। आनंदगिरी को 22 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था और सीजेएम की अदालत में पेश किया गया था। वह फिलहाल 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में है।
इस बीच, नरेंद्रगिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी संदीप तिवारी को भी गुरुवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है|
बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी आदिप्रसाद तिवारी के बेटे संदीप को कड़ी सुरक्षा के बीच सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया था| सीजेएम ने इस मामले में तिवारी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। बाद में उन्हें नैनी सेंट्रल जेल भेज दिया गया था।