सुप्रीम कोर्ट ने गोदरेज एंड बॉयस की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें महाराष्ट्र सरकार द्वारा विक्रोली में फर्म के 10 एकड़ के भूखंड के अधिग्रहण (acquisition) को चुनौती दी गई थी। इसे बुलेट रेल (Bullet Train) लिंक के भूमिगत खंड (underground section) के प्रवेश बिंदुओं (entry points) में से एक के लिए निर्धारित किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि यह राष्ट्रीय महत्व की परियोजना है। उन्होंने अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी करने और 264 करोड़ रुपये मुआवजा देने के बाद जमीन पर कब्जा कर लिया है। आप (गोदरेज एंड बॉयस) अब 572 करोड़ रुपये की मांग कर रहे हैं। आप मुआवजे की राशि में वृद्धि के लिए हमेशा सही जगह जा सकते हैं। हम बंबई हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ आपकी अपील पर विचार नहीं करेंगे।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दरअसल मामले से जुड़ी पार्टियां किसी समझौते पर पहुंचने में विफल रहीं। इसलिए सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून के प्रावधानों का सहारा लेकर भूमि का अधिग्रहण किया। यह कहते हुए कि मुआवजे की राशि पर सवाल उठाते हुए कंपनी उचित मंच (appropriate forum) पर जाने के स्वतंत्र है।
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