आज हिंदी भाषा दिवस है। यह हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। हाल ही की बात करे तो अभी के समय में हिंदी सबसे अधिक बोली जाने वाली दुनिया की तीसरी भाषा है। सरल शब्दों में कहें तो हिंदी देशभर में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसी को ध्यान में रखकर सविंधान सभा ने हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाने का निर्णय लिया था।
हिंदी दिवस का कैसे हुए प्रारम्भ
भारत की संविधान सभा ने 14 सितंबर, 1949 को अनुच्छेद 343 के तहत हिंदी को देश की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया। इसे राजेंद्र सिंह, हजारी प्रसाद द्विवेदी, काका कालेलकर, मैथिली शरण गुप्त और सेठ गोविंद जैसे दिग्गजों के बाद हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। दास ने इसके लिए कड़ी पैरवी की। हिंदी भाषा लगभग 250 मिलियन लोगों द्वारा मूल भाषा के रूप में बोली जाती है।
वक्त के साथ दयनीय हो रही हिंदी की स्थिति
वर्तमान में परिवर्तन के साथ ही हिंदी भाषा के लिए लोगों के रुझान में भी कमी देखी जा रही है । अधिकतर माता पिता बच्चों को अंग्रेज़ी माध्यम में पढ़ाते है और उन्हें शुरुआत से ही अंग्रेज़ी भाषा सिखाने पर ज़ोर देते जिसके कारण कई ना कई हिंदी भाषा की महत्वता कम होती दिख रही है ।
हिंदी दिवस की महत्वता
हिंदी खुद में समृद्ध है, इस दिन को इसके साहित्यिक महत्व, इस भाषा में हुए शोध और इसे समृद्ध बनाने वाले लेखकों-कवियों की यादगार के तौर पर मनाया जाने की आवश्यकता है ।
हिंदी भाषा से जुड़ी रोचक बातें
- हिंदी भाषा मॉरीशस, फिजी, सूरीनाम, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, नेपाल में भी बोली जाती है।
- हिंदी को इसका नाम फाँसी शब्द ‘हिंद’ से मिला है जिसका अर्थ है “सिंधु नदी की भूमि”।
- वर्ष 1881 में, बिहार ने उर्दू के स्थान पर हिंदी को अपनी एकमात्र आधिकारिक राज्य भाषा के रूप में बदल दिया और इस तरह हिंदी को अपनाने वाला पहला भारतीय राज्य बन गया।
- पहला हिंदी टाइपराइटर 1930 के दशक में बनाया गया था।
- इसे दुनिया भर के 176 विश्वविद्यालयों में एक भाषा के रूप में पढ़ाया जाता है
- ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में ‘अच्छा’, ‘सूर्य नमस्कार’ जैसे कई हिंदी शब्द शामिल किए गए हैं
- अंग्रेजी शब्द जैसे – अवतार, बंगला, गुरु, जंगल, खाकी, लूट, मंत्र, शैम्पू – हिंदी भाषा से ही लिए गए हैं।