लोकसभा से राहुल गांधी की संसद सदस्यता की अयोग्यता के बाद, कांग्रेस ने रविवार को दिल्ली के राजघाट पर उनके समर्थन में एक दिवसीय “संकल्प सत्याग्रह” शुरू किया।
“संकल्प सत्याग्रह ” में वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल, पी चिदंबरम, शक्तिसिंह गोहिल सलमान खुर्शीद और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा राजघाट पर सत्याग्रह में शामिल होने वाले शीर्ष कांग्रेस नेताओं में शामिल थे।
दिल्ली के राजघाट पर राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने के विरोध में सत्याग्रह चल रहा है। “संकल्प सत्याग्रह ” में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने परिवारवाद को लेकर भाजपा पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने बीजेपी को घेरते हुए कहा कि आप परिवारवाद कहते हैं, तो भगवान राम कौन थे? क्या वे परिवारवादी थे? क्या पांडव परिवारवादी थे? और क्या हमें शर्म आनी चाहिए कि हमारे परिवार के सदस्य इस देश के शहीद हुए हैं।
प्रियंका गांधी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “मेरे परिवार ने इस देश के लोकतंत्र को अपने खून से सींचा है। संसद में मेरे शहीद पिता का अपमान संसद में किया जाता है। शहीद के बेटे का अपमान किया जाता है, उन्हें मीर जाफर कहा जाता है। मेरी मां का अपमान किया जाता है। आपके (भाजपा) मंत्री कहते हैं कि इनके पिता कौन हैं? आपके प्रधानमंत्री गांधी परिवार के लिए कहते हैं कि ये नेहरू उपनाम का इस्तेमाल क्यों नहीं करते? आप पर तो कोई केस नहीं होता, आपकी सदस्यता रद्द नहीं होती।”
प्रियंका गांधी ने अपने पिता राजीव गांधी के अंतिम संस्कार का किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा, “साल 1991 में मेरे पिता का शव तीन मूर्ति से निकल कर जा रहा था, उस दौरान मैं अपनी मां और भाई के साथ गाड़ी में बैठी थी, क्योंकि सुरक्षा का मुद्दा था। सामने से भारतीय सेना का एक ट्रक फूलो से लदा हुआ आगे बढ़ रहा था, जिसमें मेरे पिता का शव रखा हुआ था।”
उन्होंने बताया, “काफिला कुछ दूर ही गया तभी राहुल कहने लगे कि उनको पैदल इस यात्रा में जाना है, तब मां ने उन्हें रोका क्योंकि सुरक्षा का मामला था, लेकिन वो नहीं माने औक सेना के पीछे चलने लगे थे। कड़ी धूप में भी वो पैदल चलते रहे और 500 गज तक चलने के बाद उनके शहीद पिता का अंतिम संस्कार किया गया था।”
धरना स्थल पर जयराम रमेश, मुकुल वासनिक, पवन कुमार बंसल, जोथिमनी, प्रतिभा सिंह भी मौजूद थे। दिल्ली के कई पार्टी पदाधिकारी विरोध में शामिल हुए, और पुलिस द्वारा सत्याग्रह की अनुमति देने से इनकार करने के बावजूद, समर्थकों की एक बड़ी भीड़ कार्यक्रम स्थल के बाहर जमा हो गई।
दिल्ली पुलिस के एक पत्र के अनुसार, राजघाट और उसके आसपास सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई थी, और कानून और व्यवस्था और यातायात की चिंताओं के कारण सत्याग्रह आयोजित करने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया था।
हालांकि सत्याग्रह करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था, एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि उपयुक्त सुरक्षा उपायों को लागू किया गया था।
वेणुगोपाल ने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के जवाब में ट्विटर पर कहा, ‘संसद में हमारी आवाज दबाने के बाद सरकार ने हमें बापू (महात्मा गांधी) की समाधि पर भी शांतिपूर्ण सत्याग्रह करने से मना कर दिया है. विपक्ष के हर विरोध को नकारना मोदी सरकार की आदत बन गई है. यह हमें डरा नहीं पाएगा, सच्चाई के लिए, अत्याचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी है।”
गांधी को गुजरात के सूरत में एक मामले में मानहानि का दोषी पाए जाने के एक दिन बाद शुक्रवार को लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया।
अब तक, चार बार के सांसद, राहुल गांधी (52), आठ साल तक चुनाव में खड़े होने के योग्य नहीं होंगे, जब तक कि कोई उच्च न्यायालय दोषसिद्धि को ख़ारिज नहीं रखता।
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