प्रशांत किशोर ने तीन दिन में दो बार कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गाँधी से मुलाकात कर साफ कर दिया कि कांग्रेस को फिर से कड़ा करने में वह और सोनिया गाँधी दोनों गंभीर हैं। प्रशांत सोमवार को भी सोनिया से मिलने पहुंचे थे, ये पिछले तीन दिनों में उनकी दूसरी मुलाकात है. इसके पहले शनिवार को भी उनकी मुलाकात हुई थी और जानकारी में आया था कि प्रशांत किशोर ने पार्टी के कुछ बड़े नेताओं के सामने मिशन 2024 पर एक विस्तृत प्लान पर प्रेजेंटेशन दिया था.
कांग्रेस के पास प्रस्ताव पर विचार के लिए दो मई तक का वक्त है.
सूत्र बताते हैं कि प्रशांत किशोर इस बार एक ऐसा प्रस्ताव लाए हैं जिसके अंतर्गत कांग्रेस 370 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है और कुछ खास राज्यों की सीटों पर मित्र दलों के साथ गठबंधन कर सकती है. प्रशांत किशोर ने सुझाव दिया है कि कांग्रेस को यूपी, बिहार और ओडिशा में अकेले लड़ना चाहिए जबकि तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के उसे गठबंधन करना चाहिए. इस सुझाव पर राहुल गांधी भी सहमत हैं. सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस के पास प्रस्ताव पर विचार के लिए दो मई तक का वक्त है.
प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस में काफी असंतोष
सोनिया गांधी के 10 जनपथ रोड स्थित आवास पर हो रही इस बैठक में उनकी बेटी व पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड़ा, वरिष्ठ पार्टी नेता मुकुल वासनिक, रणदीप सिंह सुरजेवाला और अंबिका सोनी मौजूद थे. हालांक प्रशांत किशोर और उनके प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस में काफी असंतोष रहा है क्योंकि वे उन नेताओं के साथ सहयोग करते रहे हैं जो राज्यों में कांग्रेस के सीधे तौर पर प्रतिद्वंद्वी हैं और इनके देश की सबसे पुरानी पार्टी के साथ संबंध अच्छे नहीं हैं.
इन नेताओं में बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख प्रमुख ममता बनर्जी, आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी और तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव शामिल हैं.
प्रशांत का संगठन IPAC, ममता और जगनमोहन का चुनाव प्रचार अभियान सफलता के साथ संचालित कर चुका है. गौरतलब है कि गांधी परिवार के साथ प्रशांत किशोर की बैठक के बाद पिछले सप्ताह उनके कांग्रेस ज्वॉइन करने की चर्चाओं ने जोर पकड़ा था, हालांकि इस मुद्दे पर अंतिम सहमति नहीं बन सकी थी. सूत्र बताते हैं कि इस बार प्रशांत किशोर ने पार्टी के पुनरुद्धार के एक प्लान के साथ गांधी परिवार की ओर रुख किया है.