पार-ताप्ती -नर्मदा नदी लिंक परियोजना को लेकर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल तथा गुजरात भाजपा प्रदेश प्रमुख सी आर पाटिल के आश्वासन के बावजूद मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस आक्रामक रुख अख्तियार किया हुआ है। गुरुवार को र-ताप्ती -नर्मदा नदी लिंक परियोजना को लेकर गुजरात विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष सुखराम राठवा , वासदा विधायक और इस आंदोलन के नेतृत्वकर्ता अनंत पटेल , जिग्नेश मेवाणी समेत आदिवासी विधायकों ने विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया , इस दौरान उन्होंने , परीयोजना ,गुजरात सरकार के में जमकर नारेबाजी की। आदिवासी एकता जिंदाबाद के नारों के बीच कांग्रेस ने साफ कर दिया कि वह इस योजना को लागू नहीं करने देंगे।
इसके पहले बुधवार को एक आदिवासी प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल तथा प्रदेश भाजपा प्रमुख सी आर पाटिल से नदी लिंक परीयोजना को रद्द करने की मांग की थी । गुजरात भाजपा प्रदेश प्रमुख सी आर पाटिल ने प्रतिनिधिमंडल को सुनने के बाद भरोसा दिलाया कि पार – ताप्ती लिंक परीयोजना को लागु नहीं किया जायेगा .
मुख्यमंत्री ने दिया है आदिवासी हित का ख्याल रखने का आश्वासन
गौरतलब है भारत सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना नदी लिंक परीयोजना है जिसके तहत बड़ी नदी से छोटी नदी को जोड़कर उस क्षेत्र की सिचाई तथा जल संकट को दूर करना है।इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार, राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पार-तापी योजना के संबंध में जनजातियों के मुद्दों और अभ्यावेदन के समाधान के लिए एक उदार निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि राज्य सरकार प्रस्तावित पार-तापी योजना के संबंध में आदिवासियों की शिकायतों के निवारण के लिए प्रतिबद्ध है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पर-तापी योजना के संबंध में आदिवासियों के अभ्यावेदन और समस्याओं को पूरी तरह से समझेंगे और उनके हित में समाधान लाएंगे
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2022 -2023 के बजट में नदी लिंक परीयोजना के लिए वित्तीय प्रावधान भी किया है , जिसमे पार-ताप्ती -नर्मदा नदी को जोड़ने का भी प्रावधान किया गया है। जिससे वलसाड और डांग जिला प्रभावित होगा , अकेले वलसाड जिला के 62 गांव प्रभावित होंगे। तापी और नर्मदा नदी लिंक परियोजना को लागू करने जा रही है. इस परीयोजना से वलसाड जिले के धरमपुर तालुका में पार नदी पर चसमंडवा गांव के पास एक बांध का निर्माण किया जा सकता है।
नदी लिंक परियोजना के विरोध में सड़क पर उतरा आदिवासी समाज
क्षेत्र के कई आदिवासी परिवारों के विस्थापित होने की संभावना है
यदि बांध बन जाता है, तो क्षेत्र के कई आदिवासी परिवारों के विस्थापित होने की संभावना है, जिससे आदिवासी समुदाय और राजनीतिक और सामाजिक नेता भी सरकार की प्रस्तावित नदी लिंक परीयोजना का विरोध कर रहे हैं। इस योजना के विरोध में आदिवासी समुदाय द्वारा विरोध सभा आयोजित करने के बाद आज धर्मपुर के असुर चौकड़ी में एक विशाल रैली का आयोजन किया गया था । रैली पुन: धरमपुर की सार्वजनिक सड़कों पर निकली और मामलातदार को आवेदन पत्र सौंपकर प्रस्तावित नदी लिंक परीयोजना का विरोध किया.
अनंत पटेल, एक आदिवासी नेता, जिन्होंने विरोध आंदोलन का नेतृत्व किया, और अन्य नेताओं ने सरकार की परियोजना का विरोध किया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार आदिवासी समुदाय की नाराजगी के बावजूद इस परियोजना को लागू करती है तो इसके गंभीर परिणाम होंगे.
सी आर पाटिल ने कहा लागु नहीं होगी नदी लिंक परीयोजना , अनंत पटेल ने कहा जारी करायें नोटिफिकेशन