गुजरात विधानसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान पेंशन और कर संग्रह व्यय, बिजली परियोजनाओं समेत सेवानिवृत्ति लाभों को लेकर चर्चा होनी थी. लेकिन इससे पहले ही कांग्रेस सदस्यों ने काले कपड़े पहनकर सदन में प्रवेश करते ही विरोध शुरू कर दिया. कांग्रेस सदस्य विधानसभा में राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने पर प्रदर्शन कर रहे थे।
जिसके ख़िलाफ संसदीय मंत्री ऋषिकेश पटेल ने प्रस्ताव रखा कि विधानसभा सत्र खत्म होने तक कांग्रेस के सभी विधायकों को निलंबित कर दिया जाए। उनके प्रस्ताव का कैबिनेट मंत्री बलवंत सिंह राजपूत ने समर्थन किया। स्पीकर ने सदन में कहा कि लोकसभा में लिए गए फैसले पर विधानसभा सदन में चर्चा या विरोध नहीं किया जा सकता है. आखिरकार सत्र के अंत तक सभी विधायकों को निलंबित कर दिया गया।
सत्र शुरू होते ही कांग्रेस विधायक काले कपड़े पहनकर विरोध कर रहे थे. राहुल गांधी के मुद्दे पर प्ले कार्ड लेकर विधायकों ने जमकर नारेबाजी की। सदन में हंगामा होते ही स्पीकर ने कांग्रेस विधायकों को निलंबित कर दिया। गौरतलब है कि राहुल गांधी को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. उधर, अडानी मुद्दे पर विपक्षी सांसदों ने काले कपड़े पहनकर और पोस्टर लेकर संसद भवन में विरोध प्रदर्शन किया. जिससे संसद की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
कांग्रेस नेता अमित चावड़ा ने संवाददाताओं से कहा कि आज देश में नए अंग्रेजों का शासन स्थापित हो गया है। उसके दोस्तों को देश की संपत्ति लूटने की इजाजत है। महात्मा गांधी ने ब्रिटिश शासन के तहत स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी। राहुल गांधी आज के नए अंग्रेजों के खिलाफ लड़ रहे हैं। चीन के खिलाफ ये 56 सीने वाली सरकार खामोश क्यों है? अडानी के सवालों के खिलाफ चर्चा करने को तैयार क्यों नहीं है सरकार? जेपीसी की मांग पर सरकार क्यों है चुप? राहुल गांधी देश में लोकतंत्र को जिंदा रखने के लिए इस सरकार के खिलाफ लड़ रहे हैं।आज कांग्रेस का हर कार्यकर्ता राहुल गांधी के साथ खड़ा है।
उन्होंने आगे कहा कि “देश के लाखों एलआईसी धारकों, बैंक धारकों की जीवन भर की कमाई डूबने वाली थी। इसकी जांच के लिए जेपीसी की मांग की गई। राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर सवाल पूछे, बहस की मांग की। फिर उन्हें बोलने से रोक दिया गया।” सदन में हुई बहस से उनके भाषण के अंश हटा दिए गए।राहुल गांधी ने मोदी-अडानी संबंधों पर सवाल किया। 20,000 करोड़ रुपये कहां से आए, इस पर सवाल किया।
भाजपा सरकार ने उनकी आवाज को दबाने की नीति बनाई ताकि वे इसके बारे में बोल न सकें, अपनी आवाज न उठा सकें। लेकिन राहुल गांधी ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह सावरकर नहीं है जो अंग्रेजों से माफी मांगते थे । वह गांधी हैं। गांधी ने भी अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। अंग्रेजों से देश को आजादी दिलाई। नए गांधी भी लड़ेंगे। पूरा देश उनके साथ है।”
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