कांग्रेस विधायक पूंजा भाई वंश ने राज्य की मौजूदा शिक्षा नीति को लेकर सीएम विजय रूपानी को खत लिखा है। पीपीपी मॉडल के नाम पर निजीकरण को रोकने के लिए स्कूल ऑफ एक्सीलेंस को एक पत्र में पेश किया गया है।
राज्य सरकार के प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों को वर्तमान में 40 से अधिक गैर-शैक्षणिक कार्य सौंपे गए हैं। ताकि शिक्षक छात्रों को पर्याप्त समय न दें और इसका प्रभाव छात्रों की पढ़ाई पर पड़े। राज्य ने लंबे समय से शिक्षकों की भर्ती भी नहीं की है। स्कूल ऑफ एक्सीलेंस ने कक्षा 6 से 8 तक संविदा शिक्षकों की भर्ती करने की घोषणा की है। साथ ही निजी स्कूलों में पीपीपी आधार पर एक लाख छात्रों के दाखिले के लिए संस्थानों से जानकारी मांगी गई है। उत्कृष्ट विद्यालय में सरकारी स्कूली बच्चों को आवासीय विद्यालयों में रखा जाएगा। जिसमें आवासीय विद्यालयों का प्रबंधन 30 साल के लिए निजी व्यक्तियों, गैर सरकारी संगठनों या संगठनों को सौंपा जाएगा। इससे निकट भविष्य में सरकारी स्कूल बंद हो जएँगे।
पत्र में कहा गया है कि राज्य में वर्तमान में 14,562 स्कूल हैं जहां एक कक्षा में एक से अधिक मानक के छात्र पढ़ रहे हैं। स्कूलों में 19,000 कमरों की कमी है, साथ ही कई स्कूलों में कक्षाओं की हालत जर्जरित हो गयी है।
उन्होंने पत्र में कहा कि लोगों के टैक्स के पैसे से किसी भी निजी संस्थान या व्यक्तियों को कमाने का ज़रिया बनाने के बजाय राज्य की शिक्षा प्रणाली में सुधार किया जाना चाहिए।