गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं। हम दोनों राज्यों की मतगणना (counting) की तारीखों को पहले से ही जानते हैं। जी हां, 8 दिसंबर को वोटों की गिनती होगी। हम हिमाचल प्रदेश में चुनाव की तिथियों को भी जानते हैं। लेकिन हम गुजरात में होने वाले चुनाव की तारीखों को नहीं जानते हैं। इसलिए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जानबूझकर अपने गृह राज्य में चुनाव में देरी कर रहे हैं। ऐसा गुजरात कांग्रेस के प्रभारी रघु शर्मा ने वाइब्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा।
वाइब्स ऑफ इंडिया की जाह्नवी सोनैया को दिए इंटरव्यू में डॉ रघु शर्मा ने जोर देकर कहा कि पीएम मोदी और उनकी पार्टी ने कुछ महसूस कर लिया है। वे जान गए हैं कि सरकारी मशीनरी (government machinery) और सार्वजनिक भाषणों (public speeches) के जरिये भीड़ जुटा कर जनता को लंबे समय तक मूर्ख नहीं बनाया जा सकता है। उनका कहना है कि तथ्य यह है कि मोदी आगामी विधानसभा चुनावों के लिए गुजरात में इतना समय बिताने के लिए मजबूर हैं। यही बात इसका प्रमाण है कि भाजपा अपने “घरेलू मैदान” में सहज (comfortable) और आश्वस्त (confident) नहीं है।
पेश हैं इंटरव्यू के अंश, जो ऑनलाइन भी देखे जा सकते हैं…..
सुशासन (good governance) नहीं है भाषणबाजीः
रघु शर्मा कहते हैं, खाली पेट को भोजन की जरूरत होती है, भाषणों और खोखले वादों की नहीं। वह कहते हैं, “भाषण देने से पेट नहीं भरता। गुजरात को शासन की जरूरत है।”
जनता का पैसा गुजरात चुनाव प्रचार पर क्यों खर्च किया जा रहा है?
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री सरकार के पैसे से गुजरात में भाजपा का प्रचार अभियान चला रहे हैं। भाजपा उतनी सहज नहीं है, जितनी वह गुजरात में होने का दावा कर रही है। यह राष्ट्रीय चुनाव नहीं हैं। ये राज्य के चुनाव हैं। फिर भी प्रधानमंत्री बड़े पैमाने पर प्रचार कर रहे हैं और गुजरात में रह रहे हैं। रघु शर्मा कहते हैं, “वे जो प्रचार कर रहे हैं, वह करदाताओं के पैसे से सरकारी खर्च पर कर रहे हैं।” वह आगे बताते हैं कि कांग्रेस अपना अभियान पार्टी के फंड से चला रही है, लेकिन यह दुख की बात है कि भारत की सबसे अमीर पार्टी- भाजपा- प्रचार के लिए जनता का पैसा खर्च कर रही है। शर्मा कहते हैं, “गुजरात में भाजपा बहुत घबराई हुई है। यही कारण है कि मतगणना की तारीखों की घोषणा कर दी गई है, लेकिन गुजरात में चुनाव की तारीखों की अभी बाकी है।” शर्मा ने जोर देकर कहा कि वोटिंग की तारीखों की घोषणा भाजपा को नहीं, बल्कि भारत के चुनाव आयोग(ECI)को यह काम करना है।
प्रधानमंत्री मोदी के गुजरात दौरे के अभियान परः
मोदी के लगातार गुजरात दौरे पर शर्मा कहते हैं, ‘आइए गुजरात में अपने प्रधानमंत्री का स्वागत करें। यह उनका गृह राज्य है और उन्हें यहां रहने का पूरा अधिकार और सही कारण हैं। लेकिन आइए, हम उनके राज्य के लगातार दौरे के पीछे के विचार को भी समझें। उन्हें अपने राज्य का इतनी बार दौरा क्यों करना चाहिए? उनका नाम ही काफी है। क्या यह छोटी बात है कि इस राज्य के नेता प्रधानमंत्री हैं? सीआर पाटिल और सीएम भूपेंद्र पटेल आदर्श रूप (ideally) से मुख्य प्रचारक (main campaigners) होने चाहिए। लेकिन चूंकि भाजपा घबराई हुई है, इसलिए पीएम को खुद गुजरात में डेरा डालना पड़ रहा है। डॉ. शर्मा कहते हैं- यह दुखद है कि कोई मुख्यधारा (mainstream) का मीडिया इस सब के बारे में नहीं लिख रहा है।
गुजरात चुनाव की तारीखों परः
भारत के चुनाव आयोग (Election Commission) ने हिमाचल में चुनावों की तारीखों की घोषणा कर दी है, जबकि गुजरात में ऐसा नहीं किया है। इस पर शर्मा कहते हैं, ”ऐसा प्रधानमंत्री को अपनी सभाएं करने के लिए अधिक समय देने के मकसद से किया गया है- सब कुछ सरकार के पैसे पर। कितनी अजीब बात है कि राज्य में चुनाव परिणामों (results) की तारीख की घोषणा तो कर दी गई है, लेकिन चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की गई है। हमारे लोकतंत्र में ऐसा कभी नहीं हुआ है। यह चौंकाने वाला है, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से मुख्यधारा के मीडिया इसके बारे में नहीं लिखेंगे। यह आश्चर्य की बात है, है ना?
कांग्रेस में नेतृत्व परः
कांग्रेस में मजबूत नेतृत्व की अनुपस्थिति (absence) के बारे में पूछे जाने पर रघु शर्मा ने इसका जोरदार खंडन किया। कहा, “कांग्रेस भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी है। हमारे पास मजबूत, स्वतंत्र नेताओं और विचारकों की कोई कमी नहीं है। यह भाजपा है, जिसके पास नेतृत्व का संकट है।”
डॉ शर्मा बताते हैं कि कांग्रेस वास्तव में एक लोकतांत्रिक (democratic) पार्टी है। हाल के अध्यक्ष चुनाव इस बात को साबित करते हैं। वाइब्स ऑफ इंडिया ((Vo!) को उन्होंने बताया, “यह भाजपा है जो निरंकुश (autocratic) और नेतृत्वविहीन (leaderless) है। भाजपा के पास सिर्फ दो नेता और निर्णय लेने वाले (decision makers) हैं- पीएम मोदी और अमित शाह।”
गुजरात में कांग्रेस की प्रचार रणनीति परः
रघु शर्मा ने साफ तौर पर स्वीकार किया कि इस बार उन्होंने अपनी चुनावी रणनीति में बदलाव किया है। उनका कहना है कि यह पहली बार है जब कांग्रेस ने घर-घर जाकर प्रचार अभियान शुरू किया है और बूथ प्रबंधन की कवायद (booth management exercise) कर रही है।
जब आने वाले गुजरात चुनावों के लिए कांग्रेस की तैयारियों की बात आती है, तो शर्मा कहते हैं, “सिर्फ इसलिए कि राहुल गांधी गुजरात नहीं गए हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि कांग्रेस राज्य में सक्रिय नहीं है। हमने पूरे गुजरात में नेताओं, हितधारकों (stakeholders)और जनता के साथ 1,500 से अधिक बैठकें की हैं। हमने अपनी प्रचार शैली भी बदली है। हम बूथ प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और 31 अक्टूबर से राज्य भर में पांच यात्राएं भी कर रहे हैं। हम हजारों आम आदमी से मिले हैं और इस आधार पर उन्हें परेशान करने वाले मुद्दों की एक सूची बनाई है। इस फीडबैक के आधार पर हम अपना घोषणापत्र (manifesto) तैयार करने की प्रक्रिया में हैं।”
राहुल गांधी के प्रधानमंत्री मोदी की तरह गुजरात नहीं जाने पर…
डॉ रघु शर्मा कहते हैं कि ये राज्य के चुनाव हैं, न कि राष्ट्रीय चुनाव। उन्होंने कहा, “सिर्फ इसलिए कि पीएम मोदी हर दूसरे दिन गुजरात में डेरा डाले हुए रहते हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि हमारे नेताओं को भी ऐसा ही करना चाहिए। दरअसल, राहुल गांधी गुजरात के दौरे पर रहेंगे। सत्तालोलुप (power crazy) भाजपा के उलट हमारे लिए राष्ट्रीय हित अधिक मायने रखता है। ” हालांकि, उनका कहना है कि जल्द ही राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो यात्रा से समय निकालकर गुजरात दौरे की शुरुआत करेंगे। साथ ही प्रियंका गांधी भी गुजरात आएंगीं। यानी राहुल और प्रियंका दोनों गुजरात आएंगे। वे गुजरात चुनाव के लिए हमारी यात्रा का हिस्सा होंगे।
भाजपा की गौरव यात्रा परः
उन्होंने कहा, ‘भाजपा की गौरव यात्रा फ्लॉप रही। गुजरात में अमरेली और अन्य गांवों में लोगों के विरोध को देखिए। लोग बदलाव चाहते हैं और बदलाव होगा…. हमारा अभियान शुरू हो गया है।’
शासन के राजस्थान मॉडल परः
राजस्थान मॉडल में सबसे अधिक जोर स्वास्थ्य (Health) पर है, और रघु शर्मा इसे गुजरात में लाने पर जोर देते हैं। वह कहते हैं, “मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना एक पब्लिक केंद्रित (public-centric) योजना है। इसमें सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को अस्पताल ले जाने वाले सभी लोगों को 5,000 रुपये नकद दिए जाते हैं। इसे शासन के राजस्थान मॉडल से सीधे उठा लिया गया है और गुजरात कांग्रेस इसे राज्य में भी लागू करना चाहती है।”
आम आदमी पार्टी परः
हाल के दिनों में राजस्थान में स्वास्थ्य मंत्री रहे डॉ शर्मा कहते हैं, “आप भाजपा की बी-टीम है। वे यहां भाजपा की मदद करने और कांग्रेस के वोटों में सेंध लगाने के लिए हैं। उनके नेता अरविंद केजरीवाल एक प्राइवेट जेट में गुजरात आते हैं और फिर एक रिक्शा चालक के घर में रात में भोजन के लिए रिक्शे की सवारी करके दिखाते हैं। मतदाता इस नौटंकी को समझने के लिए काफी होशियार हैं। केजरीवाल मोहल्ला क्लीनिक की बात कर रहे हैं, लेकिन शेखी बघारने से पहले उन्हें पहले राजस्थान सरकार द्वारा बनाए गए क्लीनिकों का दौरा करना चाहिए। हमने बेरोजगारी को दूर करने और स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में व्यापक काम (extensive work) किया है।