गुजरात विधानसभा के चुनाव कांग्रेस के लिए शर्मनाक प्रदर्शन वाले रहे। खराब प्रबंधन ,नेतृत्व में बिखराव और केंद्रीय नेतृत्व से मिली उपेक्षा से हताश गुजरात कांग्रेस राहुल गांधी के सूरत दौरे को कांग्रेस की प्रासंगिकता साबित करने के एक मौके के तौर पर देख रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी सूरत के जिला सत्र न्यायालय में 23 मार्च को पेश होंगे। सूरत कोर्ट में वायनाड सांसद के खिलाफ दायर मानहानि के मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद न्यायाधीश ने फैसले के लिए 23 मार्च की तारीख निर्धारित की है। राहुल गांधी के खिलाफ सूरत पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के विधायक तथा गुजरात सरकार के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने मानहानि की शिकायत की थी।
अदालती कार्यवाही से अलग कांग्रेस के एक शीर्ष नेता के मुताबिक राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा गुजरात नहीं आयी थी जबकि गुजरात कांग्रेस चाहती थी कि यात्रा गुजरात से होकर गुजरे। विधानसभा चुनाव में भी राहुल गाँधी महज 2 सभाओं को सम्बोधित किया था।
गुजरात कांग्रेस के प्रभारी डॉ रघु शर्मा ने वाइब्स आफ इंडिया से कहा कि कार्यकर्ताओं में राहुल जी के आने को लेकर उत्साह है। सूरत में बड़ा रोड शो होगा। एयरपोर्ट से लेकर कोर्ट तक। फैसले पर उनका कहना था कि मामला क़ानूनी टीम देख रही है।
182 सदस्यों वाली गुजरात विधानसभा में कांग्रेस के महज 17 विधायक निर्वाचित हुए हैं जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में यह संख्या 79 थी। 2022 में कांग्रेस को विपक्ष का दर्जा हासिल करने के लिए न्यूनतम 10 प्रतिशत सीटों पर भी सफलता नहीं मिली। दक्षिण गुजरात की 33 सीटों पर कांग्रेस महज एक सीट जीतने में कामयाब हुयी। जबकि सूरत जंहा राहुल गाँधी को अदालत में पेश होना है वंहा की 16 में से 16 सीटों पर बुरी तरह से पराजय का सामना करना पड़ा। जिसमे 10 उम्मीद्वारों की जमानत जब्त हो गयी। सूरत महानगर पालिका में भी कांग्रेस का एक भी पार्षद नहीं है।
कभी कांग्रेस का गढ़ रहा दक्षिण गुजरात ना पूरी तरह ध्वस्त हो चूका है बल्कि 12 विधानसभा क्षेत्रो में कांग्रेस तीसरे नंबर पर पहुंच गयी है। ऐसे में गुजरात कांग्रेस 23 मार्च को हजारो लोगों का रोड शो करने की तैयारी में है।
गुजरात कांग्रेस प्रभारी डॉ रघु शर्मा , सह प्रभारी बीएन संदीप ,गुजरात कांग्रेस प्रमुख जगदीश ठाकोर ,विधायक अमित चावड़ा ,तुषार चौधरी , पूर्व प्रमुख भरत सोलंकी समेत कांग्रेस प्रदेश कांग्रेस के नेता लगातार मोबलाइजेशन के लिए बैठक कर रहे है।
23 को शहीद दिवस भी है। यदि फैसला खिलाफ आता है तो विरोध प्रदर्शन किया जायेगा और यदि पक्ष में आता है तो जश्न की तैयारी है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत के फैसले पर कांग्रेस की निगाह है।
राहुल गांधी के वकील किरीट पानवाला ने कहा, “अदालत ने आपराधिक मानहानि मामले की सुनवाई पूरी कर ली है और मामले को 23 मार्च को फैसले के लिए रखा है। राहुल गांधी अदालत में आदेश पारित करने के समय मौजूद रहेंगे।”
2019 लोकसभा चुनाव के दौरान दक्षिण भारत में हुई एक रैली में राहुल ने अपने भाषण में ‘सभी मोदी सरनेम वाले चोर हैं’कहा था। इस कथन को मोदी समाज के लिए अपमानजनक मानते हुए पूर्णेश मोदी ने मानहानि का आरोप लगाया था। शिकायत के बाद से सुनवाई सूरत कोर्ट में चल रही है।
अभियोजन पक्ष की ओर से अंतिम दलीलें खत्म होने के बाद बचाव पक्ष के अधिवक्ता किरीट पानवाला ने राहुल गांधी के समर्थन में कोर्ट से कहा कि संविधान के तहत सरकार और सरकार के कामकाज के खिलाफ टिप्पणी करने का प्रत्येक भारतीय को अधिकार मिला है।
राहुल ने अपने भाषण में मोदी सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए थे, तब पूरे भाषण से एक कथन को अलग कर उसे मानहानि का आधार बनाना ठीक नहीं है।
मोदी सरनेम वाला कोई निश्चित ग्रुप या संगठन नहीं है, जिसकी मानहानि हुई हो। क्योंकि मोदी नाम का कोई समाज नहीं है। सूरती मोढ़वणिक समाज को पूर्णेश मोदी मोदी समाज बता रहे हैं, जबकि मोढ़वणिक समाज के संविधान या किसी दस्तावेज में इसका कोई उल्लेख नहीं है।
वहीं, खुद पूर्णेश मोदी पहले मोदी नहीं थे, वे पहले भूतवाला थे और बाद में अपनी सरनेम मोदी परिवर्तित की है, लेकिन जिसे लेकर भी स्वीकृत नहीं मिली है। राहुल गांधी ने भाषण में किसी समाज या व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुंचाया हो ऐसा कहीं नजर नहीं आता।
सबूतों के तौर पर जो सीडी और डीवीडी पेश की गई है, उसे कानूनी तौर पर तब स्वीकृत किया जा सकता है जब उसे प्रमाणित किया गया हो। इस मामले में ऐसा कुछ भी नहीं किया गया है।