गुजरात में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में बीजेपी ही नहीं, कांग्रेस भी जुट गई है। इस सिलसिले में छत्तीसगढ़ के कांग्रेसी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष हार्दिक पटेल की ओर से लिखा गया पत्र काफी कुछ कहता है। इसमें सबसे प्रमुख संकेत कांग्रेस की चुनावी रणनीति को लेकर है। वह यह कि पार्टी गुजरात विधानसभा के चुनाव में बीजेपी के हिंदुत्व कार्ड के सामने गांधी, गरीब और स्वराज का कार्ड खेलेगी। इसमें सहारा बनेगी न्याय योजना। इसके जरिये बीजेपी ही नहीं, गुजरात में पैर जमा रही आम आदमी पार्टी (आप) से निपटने की रणनीति भी दिखती है।
इसलिए पत्र में छत्तीसगढ़ में चल रही राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना की जमकर तारीफ की गई है। बता दें कि इसके तहत भूपेश बघेल की सरकार छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों को सालाना छह हजार रुपये देती है। ऐसे परिवारों में चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, धोबी और पुरोहित आते हैं। गुजरात में इनके वोट निर्णायक साबित हो सकते हैं। इसलिए बघेल सरकार की तारीफ करते हुए गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष ने राज्य के मतदाताओं को संदेश देने की कोशिश की है। इसी के साथ गरीबों के कल्याण के बजाय सरकार पर देश की संपत्ति बेचने का आरोप भी फिर लगाया गया है।
इस पत्र में महात्मा गांधी को भी शिद्दत से याद किया गया है। इसकी वजह भी है। राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी सरदार पटेल की दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति की छाया में चुनावी लाभ लेने की ताक में है। ऐसे में महात्मा गांधी का कद यकीनन बड़ा साबित हो सकता है। गांधी जी को याद करने के लिए रास्ता जगजीवन राम की बातों में निकाला गया है। कांग्रेस के आलोचक इसमें जातिगत कार्ड का भी संकेत मान सकते हैं। खासकर देशभर में जातिगत जनगणना की तेज होती मांग को देखते हुए। कहा गया है कि जब संविधान का निर्माण किया जाना था, तब संविधान सभा के कुछ सदस्यों ने जगजीवन राम के साथ बापू से मुलाकात की। तब बापू ने जगजीवन राम से कहा था कि आपके किसी भी कदम का लक्ष्य समाज के सबसे दीन-हीन गरीब ही होने चाहिए। देखना चाहिए कि आपकी वजह से उन खाली पेट रहने वाले करोड़ों लोगों को स्वराज मिल रहा है या नहीं।
यानी कांग्रेस अब अपने में स्पष्ट होने की कोशिश करती नजर आ रही है। अब यह वक्त ही बताएगा कि इसमें उसे कितनी सफलता मिलती है। दूसरे, यह बहुत कुछ चुनाव के दौरान राज्य और देश के माहौल पर भी निर्भर करेगा।