मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने बुधवार को कहा कि राजस्थान सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन से गांवों और कस्बों में बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हो रही हैं और कहा कि राज्य के चिकित्सा मॉडल की पूरे देश में सराहना की जा रही है।
सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत का एक मॉडल राज्य बन गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राजस्थान सरकार द्वारा चलाई जा रही चिकित्सा योजनाओं (medical schemes) के समान देश में भी लागू करने का आग्रह किया।
इस मौके पर सीएम अशोक गहलोत ने मेडिकल कॉलेजों और तीन नर्सिंग कॉलेजों के भवनों से संबंधित 32 परियोजनाओं की आधारशिला रखी, जिन पर अनुमानित 887 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस तरह मुख्यमंत्री ने 379 करोड़ रुपये की लागत वाली 36 परियोजनाओं का उद्घाटन किया। गहलोत ने 7.15 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई छह मोबाइल कैंसर डायग्नोसिस वैन (mobile cancer diagnosis vans) को भी हरी झंडी दिखाई।
प्रधानमंत्री से स्वास्थ्य देखभाल के राजस्थान मॉडल को अपनाने का आग्रह करते हुए, गहलोत ने कहा कि इससे सभी को समान चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जा सकेंगी। राज्य के अनुभवी चिकित्सकों से परामर्श लेने के साथ ही राजस्थान मॉडल का भी अध्ययन किया जाना चाहिए।
विकास कार्यों को समयबद्ध तरीके से शुरू करने का निर्देश देते हुए, गहलोत ने कहा कि सवाई मानसिंह अस्पताल में 538 करोड़ रुपये की लागत से 1,200 बिस्तरों वाला भारत का सबसे ऊंचा इनडोर रोगी विभाग (आईपीडी) टावर बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “2018 से, जब से कांग्रेस सरकार ने कार्यभार संभाला है, एमबीबीएस सीटें 1,850 से बढ़कर 3,830 हो गई हैं। स्नातकोत्तर सीटें भी 960 से बढ़ाकर 1,690 कर दी गई हैं। सरकार ने चार साल में 26 नए नर्सिंग कॉलेज खोले, जिनमें 1,560 सीटें जोड़ी गईं।”
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