गुजरात में “गैरकानूनी औद्योगिक निर्माण” (illegal industrial constructions) को नियमित (regularize) करने की दिशा में गुजरात सरकार ने एक सर्कुलर जारी किया है। उद्योग से जुड़े लोगों के मुताबिक, यह जीआईडीसी यानी गुजरात औद्योगिक विकास निगम (Gujarat Industrial Development Corporation) द्वारा संचालित विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित 30,000 से अधिक अवैध संरचनाओं (illegal structures) को नियमित करने में मदद करेगा।
सर्कुलर में कहा गया है कि औद्योगिक विकास में तेजी से वृद्धि के कारण जीआईडीसी एस्टेट में गैरकानूनी निर्माण के मामले सामने आए हैं। इस तरह के गैरकानूनी निर्माण को हटाने और तोड़ने से आर्थिक गतिविधि, रोजगार और संबंधित निवेश पर गलत प्रभाव पड़ेगा। इसलिए, जीआईडीसी ने गैरकानूनी निर्माण के नियमितीकरण (regularization) के लिए इस सर्कुलर को जारी करने का निर्णय लिया गया है।
यह घोषणा 12 जनवरी 2023 तक 220 जीआईडीसी संचालित औद्योगिक क्षेत्रों में 70,000 से अधिक औद्योगिक इकाइयों में किए गए सभी अवैध निर्माणों को कवर करेगी और जुर्माना या प्रभाव शुल्क (impact fee) लगाकर इन्हें नियमित करेगी।
हालांकि, गांधीनगर में औपचारिक घोषणा के समय न तो उद्योग मंत्री बलवंतसिंह राजपूत मौजूद थे और न ही उद्योग और खान विभाग के अधिकारी। इसलिए राज्य में अवैध औद्योगिक संरचनाओं की संख्या का आंकड़ा नहीं मिल सका। राजपूत ने कहा, “पिछले पांच सालों से अवैध निर्माणों को नियमित करने के लिए विभिन्न संघों की ओर से मांग की गई है।” उन्होंने अवैध निर्माणों की संख्या बाद में बताने का वादा किया।
राजपूत ने उद्योग के प्रतिनिधियों से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि सरकार द्वारा मौजूदा ढांचों को नियमित करने के बाद भविष्य में अवैध ढांचों का निर्माण नहीं किया जाए। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब गुजरात सरकार अवैध औद्योगिक निर्माणों को नियमित कर रही है।
गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (जीसीसीआई) के अध्यक्ष पथिक पटवारी ने कहा, “2016 में राज्य सरकार शहरी क्षेत्रों में GIDC एस्टेट के लिए एक समान नीति लाई थी और 5,000 से अधिक अवैध संरचनाओं को नियमित किया गया था। नई घोषणा पूरे राज्य के लिए है, जहां 30,000 से अधिक अवैध संरचनाओं को नियमित किए जाने की उम्मीद है।“
सरकार द्वारा घोषित नियमितीकरण में जीआईडीसी सम्पदा के भीतर अवैध आवासीय के साथ-साथ कमर्शियल निर्माण भी शामिल हैं। 5,000 वर्ग मीटर तक के औद्योगिक भूखंडों (industrial plots) के लिए अनधिकृत निर्माणों के नियमितीकरण का अधिकार क्षेत्र के अधीक्षण अभियंता (Superintending Engineer) द्वारा अप्रूव किया जाएगा, जबकि 5,000 वर्ग मीटर से ऊपर के निर्माणों को जीआईडीसी, गांधीनगर के मुख्य अभियंता (chief engineer) द्वारा अप्रूव किया जाएगा।
निर्मित क्षेत्र के 300 वर्ग मीटर तक के आवासीय निर्माण के लिए जुर्माना 3,000 से 18,000 रुपये के बीच होगा, जबकि 300 वर्ग मीटर से अधिक के निर्माण के लिए, 18,000 रुपये का शुल्क और 300 वर्ग मीटर से अधिक प्रत्येक अतिरिक्त वर्ग मीटर पर 150 रुपये अतिरिक्त वसूला जाएगा। अन्य कमर्शियल निर्माणों के लिए जुर्माना आवासीय की तुलना में दोगुना है।