एक बच्ची के लापता होने के मामले में बलसाड पुलिस की जांच नेपाली नागरिक लेखे खमल तक पहुंच गई। 35 वर्षीय रमेश नेपाली के रूप में वापी (वलसाड जिले) में रह रहा था।
डूंगारा (मध्य प्रदेश) के पीएस इंस्पेक्टर वीजी भरवा के मुताबिक, महेश गरासिया ने शिकायत दर्ज कराई है कि सांवीर औद्योगिक पार्क में काम करने वाले चौकीदार रमेश नेपाली ने उसकी छह साल की बेटी का अपहरण कर लिया है। शिकायतकर्ता को रमेश पर शक इसलिए था, क्योंकि वह बुधवार (9 फरवरी) से लापता था। उसकी बेटी भी तब से ही लापता थी।
फौरन तीन टीमें बनाई गईं और रमेश नेपाली के फोन को तकनीकी सर्विलांस पर लगा दिया गया। चूंकि वह नेपाल का रहने वाला था, इसलिए पुलिस को शक था कि वह उत्तर भारत की ओर चला गया होगा। इस कारण एक टीम उस ओर भेजी गई। आखिरकार 24 घंटे के भीतर रमेश को गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ में उसने जुर्म कबूल कर लिया। वलसाड के एसपी राजदीप जाला ने कहा, “पुलिसिया पूछताछ में वह टूट गया और एक सीरियल अपराधी होने की बात मानी। उसने अब तक छह से 12 वर्ष के बीच के छह और बच्चों का अपहरण कर चुका है। इनमें दो लड़के हैं। उन सबको नेपाल में बेच दिया है।
वह करीब आठ महीने पहले वलसाड आया था और एक निर्माण स्थल पर चौकीदार के रूप में काम कर रहा था। उसने यूपी और महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों में काम करने की बात भी कही। हमें संदेह है कि उसने वहां भी बच्चों का अपहरण किया होगा। ” पुलिस उसे खाड़ी देशों और नेपाल में अच्छी तरह से जड़ें जमा चुके बाल तस्करी रैकेट (child trafficking racket) में एक महत्वपूर्ण कड़ी होने का अनुमान लगा रही है।
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