अंबाजी में मोहनथाल प्रसाद को लेकर चल रहे विवाद में गुजरात सरकार ने साफ़ कर दिया कि मोहनथाल की जगह चिकी ही प्रसाद के तौर पर बिकेगा। राज्य सरकार के प्रवक्ता मंत्री ऋषिकेश पटेल ने साफ़ किया कि प्रसाद कोई मिठाई नहीं है ,जो स्वाद के लिए खाया जाय. अम्बाजी का प्रसाद विदेश में भी जाता है , मोहनथाल ख़राब हो जाता था इसलिए चिकी का प्रसाद जारी रहेगा।
स्वास्थ्य और गुजरात सरकार के प्रवक्ता मंत्री ऋषिकेश पटेल ने स्पष्ट किया कि अंबाजी पूरे विश्व के लिए आस्था का प्रतीक है। कोविड के दौरान सवा करोड़ लोगों ने ऑनलाइन दर्शन किए और ऑनलाइन प्रसाद भी मंगवा रहे थे। इस विश्वास के बावजूद कि अगियारस और पूर्णिमा के दौरान मोहनथाल नहीं खाया जा सकता। चिकी प्रसाद मंदिर द्वारा चढ़ाया जाता है जिसका 3 महीने तक चलता है। मोहनथाल ज्यादा दिन नहीं टिकता।
जितना चिकी बिकता है उतना ही मोहनथाल बिक रहा है। प्रसाद को लोग लम्बे समय तक रखना चाहते है। चिकी को तीन महीने तक रखा जा सकता है।
वही दूसरी ओर आज नौ दिन बीत जाने के बाद भी मोहनथल प्रसाद का मुद्दा खत्म नहीं हुआ आज अंबाजी मंदिर में बंद मोहनथल प्रसाद के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने विरोध प्रदर्शन किया. सरकार ने लोगों की भावनाओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। शुक्रवार को इस मामले को उठाने की कोशिश में कांग्रेस के विधायक सदन से एक दिन के निलंबित हो गए थे। कांग्रेस की महिला विधायक गेनी बेन ठाकोर ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मोहनथाल का प्रसाद शुरू कराने की मांग की है।
जो भाजपा से लड़ रहा उसके घर छापे पड रहे -सपा प्रमुख अखिलेश यादव