अहमदाबादः गुजरात स्थित रासायनिक (chemical) उद्योग भारत में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को पाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, लेकिन उद्योग को विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित करना होगा। यह बात जीपीसीबी के सदस्य सचिव डीएम ठाकर ने कही है।
उन्होंने कहा, “भारत को नए किस्म के समाधानों (innovative solutions) की आवश्यकता है, क्योंकि हमारे पास एमएसएमई श्रेणी में रासायनिक क्षेत्र में 70% से अधिक इकाइयां हैं। ऐसा पश्चिमी देशों में नहीं है।”
सीआईआई गुजरात के रासायनिक सम्मेलन में चुनौतियों और आगे की राह (challenges and the way forward) पर ठाकर ने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए जाएं। बड़ी कंपनियों को भी आगे बढ़ना चाहिए। हमारे पास 70% से अधिक एमएसएमई हैं, जिनके पास सीमित संसाधन हैं। लेकिन अब तकनीकी के साथ अनुपालन (compliance) संभव है और हमें उनके लिए नए किस्म के समाधान की आवश्यकता है।
सीआईआई गुजरात के अध्यक्ष आनंद देसाई ने कहा, “भारत शीर्ष रासायनिक निर्यातक देशों में से एक है और रसायनों की बिक्री में दुनिया में 6 वें स्थान पर है। इस तरह वैश्विक रासायनिक उद्योग (global chemical industry) में 3% का योगदान देता है।”
मेघमनी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड की कार्यकारी अध्यक्ष जयंती पटेल ने कहा, “हमारे पीसीपीआईआर (PCPIR) जैसे बुनियादी ढांचे में कमी है, जहां से हम तरल भंडारण सुविधा के साथ माल आयात और निर्यात कर सकते हैं। हमारी लॉजिस्टिक लागत अधिक है और तेज विकास के लिए हमें इसे कम करने की जरूरत है।
Also Read: विक्की कौशल और कैटरीना कैफ राजस्थान के जवाई में करेंगे 2023 का स्वागत