- नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रणेता मेघा पाटकर अदालत में थी उपस्थित
गोधरा हत्याकांड के बाद अहमदाबाद के गांधी आश्रम में नर्मदा बचाओ आंदोलन में शामिल हुईं मेघा पाटकर पर 2002 में हमला हुआ था. हमलावरों में आरोपी रोहित पटेल, अमित ठाकर, अमित शाह (पूर्व मेयर) और अन्य के खिलाफ आरोप दायर किए ।
चूंकि एक आरोपी मामले की सुनवाई के दौरान अनुपस्थित था, मेघा पाटकर के वकील ने आरोपी के अधिकार खत्म लिए करने के लिए आवेदन किया था। जिस पर सुनवाई के लिए 17 मई तय की गयी है।
घटना के मुताबिक मेघा पाटकर 7 अप्रैल 2002 को नर्मदा बचाओ आंदोलन के तहत एक स्वयंसेवी संस्था के निमंत्रण पर गांधी आश्रम आई थीं।इस दौरान उन पर हमला हुआ था।
हमले की शिकायत साबरमती थाने में दर्ज कराई गई है। जिस पर पुलिस ने रोहित पटेल, अमित ठाकर, अमित शाह (पूर्व मेयर) समेत आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की.
आज सुनवाई के दौरान मेघा पाटकर कोर्ट में मौजूद थीं। आरोपी नंबर 3 और उसके वकील भी मौजूद नहीं थे।
वादी की ओर से अधिवक्ता गोविंद परमार ने आरोपित के जिरह के अधिकार को बंद करने का आवेदन दिया। जिसमें तर्क दिया गया कि, मामला 20 वर्ष पूर्व का है, वादी वरिष्ठ नागरिक है, वादी दूसरे राज्य में रहते हुए भी समय पर न्यायालय में उपस्थित रहता है।
इसके बाद आरोपी का अधिकार समाप्त कर दिया जाना चाहिए। अदालत द्वारा याचिका दायर आगे की सुनवाई 17 मई तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।
घटना के 10 साल बाद मामले की सुनवाई हुई। आरोपित के खिलाफ आरोप तय होने के बाद 24 अप्रैल 2012 से वादी की गवाही चल रही है। जिसमें कुछ आरोपियों की ओर से वादी से जिरह भी की जा चुकी है।
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