मंगलवार को कर्णप्रयाग में पंचपुलिया के पास पहाड़ी से भारी चट्टानें गिरने के बाद बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग-7 पर यातायात बाधित हो गया।
आवागमन बाधित होने के बाद राजमार्ग बंद होने के कारण इस मार्ग से बद्रीनाथ यात्रा रोक दी गई और मार्ग को खोलने का कार्य जारी है।
बद्रीनाथ यात्रा (Badrinath Yatra ) कुछ घंटे पहले ही फिर से शुरू हो गई थी, जिसके बाद सोमवार को भारी बारिश के बाद हनुमान चट्टी के पास भारी शिलाएं गिरने और लंबागढ़ नाले में पानी बढ़ने के कारण इसे रोक कर दिया गया था।
बद्रीनाथ धाम के कपाट 8 मई को खोले गए, जिसमें एक दिन में 16,000 श्रद्धालु धाम तक पहुंच सकते हैं। चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना के मुताबिक आज सुबह मौसम साफ होते ही करीब 115 वाहन बद्रीनाथ से रवाना हुए थे।
अलकनंदा नदी के किनारे चमोली जिले में गढ़वाल पहाड़ी ट्रैक में स्थित बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है।
यह मंदिर चार प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक है जिसे ‘चार धाम’ कहा जाता है जिसमें यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ भी शामिल हैं।
यह उत्तराखंड के बद्रीनाथ शहर में स्थित है। यह हर साल छह महीने (अप्रैल के अंत और नवंबर की शुरुआत के बीच) के लिए खुला रहता है।