राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून ((NFSA) के तहत राशन कार्ड पर मिलने वाला अनाज एक साल तक मुफ्त कर दिया गया है। इससे देश के 81.35 करोड़ लोगों को लाभ होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में गरीबों को राशन कार्ड पर दिसंबर 2023 तक मुफ्त में अनाज देने का का फैसला किया गया। खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि इस फैसले से जहां कुल 81.35 करोड़ लोगों को लाभ होगा, वहीं इससे सरकारी खजाने पर करीब दो लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे।
बता दें कि इस समय राशन कार्ड पर सामान्य गरीब परिवारों के लिए प्रति व्यक्ति हर महीने 5 किलोग्राम अनाज 2 से 3 रुपये प्रति किलो पर मिलता है। अंत्योदय अन्न योजना (AAY) के तहत बेहद गरीब परिवारों के लिए 35 किलोग्राम मोटे अनाज, गेहूं और चावल क्रमशः 1 रुपये, 2 रुपये और 3 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती कीमतों पर दिया जाता है।
इस बीच, सरकार ने मुफ्त राशन योजना प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) का विस्तार नहीं करने का फैसला किया, जो 31 दिसंबर को समाप्त हो रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड-19 महामारी के दौरान गरीबों को राहत देने के लिए अप्रैल 2020 में पीएमजीकेएवाई की शुरुआत की थी। पीएमजीकेएवाई पर गोयल ने कहा कि सरकार ने 28 महीनों के लिए मुफ्त अनाज (हर महीने 5 किलो प्रति व्यक्ति) दिया था।
गोयल ने बताया कि गरीब लोगों को राहत देने के मकसद से कोविड के दौरान शुरू किए गए पीएमजीकेएवाई के तहत अतिरिक्त अनाज की जरूरत अब नहीं है। खाद्य मंत्री ने कहा, “वित्तीय स्थिति अब सामान्य हो गई है। फिर भी, गरीबों को राहत देने के लिए सरकार ने एनएफएसए के तहत मुफ्त में अनाज उपलब्ध कराया है।”
केंद्र ने जुलाई 2013 में 67 प्रतिशत आबादी (ग्रामीण क्षेत्रों में 75 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 50 प्रतिशत) को अत्यधिक सब्सिडी वाले अनाज प्राप्त करने का कानूनी अधिकार देते हुए एनएफएसए बनाया था।
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