एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को गुरुवार, 27 जुलाई को बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से उन दो महिलाओं पर यौन उत्पीड़न (sexual assault) के मामले की जांच करने को कहा है, जिन्हें मणिपुर में भीड़ द्वारा निर्वस्त्र कर घुमाया गया था।
इसके अलावा, सरकार एक हलफनामा भी दायर करेगी, जिसमें मामले की सुनवाई मणिपुर के बाहर कराने की मांग की जाएगी।
उक्त अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि जांच असम में होगा। यह घटनाक्रम सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर मामले की सुनवाई से एक दिन पहले हुआ है। मणिपुर झड़पों से जुड़े पांच अधिक गंभीर मामलों की जांच पहले ही सीबीआई को सौंपी जा चुकी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार शुक्रवार, 28 जुलाई को मणिपुर के बाहर सुनवाई कराने के लिए शीर्ष अदालत का रुख कर सकती है।
इंडियन एक्सप्रेस ने गृह मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी के हवाले से बताया कि अलग से, उस व्यक्ति की पहचान कर ली गई है जिसने कथित तौर पर मणिपुर यौन उत्पीड़न वीडियो रिकॉर्ड किया था और उसे पकड़ लिया गया है, और वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए इस्तेमाल किया गया मोबाइल फोन भी प्राप्त कर लिया गया है।
तीन महीने तक चली जातीय हिंसा में 160 से अधिक लोग मारे गए, कई घायल हुए और 70,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए।
हिंसा के उनहत्तर दिन बाद, और भीड़ द्वारा दो कुकी महिलाओं को नग्न घुमाने का वीडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर पर अपनी चुप्पी तोड़ी।
इस बीच विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री से सदन में मणिपुर पर बयान जारी करने की मांग की है।
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उक्त रिपोर्ट द वायर द्वारा सबसे पहले प्रकाशित की जा चुकी है।