विश्वास परियोजना (Vishwas project) के पहले चरण में 41 स्थानों पर 7,000 सीसीटीवी कैमरे लगाने के बाद गुजरात पुलिस ने सूरत और वडोदरा सहित 53 स्थानों पर 10,000 और कैमरे लगाएगी। इसके लिए 100 करोड़ रुपये से अधिक का टेंडर जारी किया गया है।
अन्य 51 स्थान कस्बे और टियर-टू शहर होंगे। इस बार मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और केंद्र शासित प्रदेश दीव और दमन से लगी अंतरराज्यीय सीमाओं पर भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इन्हें सीमाओं पर स्थापित करने का उद्देश्य शराब की तस्करी और गुजरात में घुसने वाले और क्राइम करने वाले गिरोहों को रोकना है। विश्वास परियोजना के दूसरे चरण के 2023 के अंत तक पूरा होने की संभावना है।
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि तकनीक के बढ़ते उपयोग ने क्राइम का पता लगाने की दर को बढ़ाया है। विशेष रूप से राज्य की सीमाओं के प्रवेश (entry) और निकास (exit) पर अधिक सीसीटीवी कैमरों के साथ और भी बेहतर परिणाम मिलेंगे।
बीते दो साल के दौरान ड्राय स्टेट गुजरात में 235 करोड़ रुपये से ज्यादा की शराब बरामद की गई है।
आंकड़ों के अनुसार, अवैध शराब के उत्पादन, तस्करी, बिक्री या खपत और कब्जे के लिए राज्य भर में पिछले डेढ़ साल में 2.5 लाख से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस ने एक बयान में कहा, “जनवरी 2021 से गुजरात पुलिस ने अवैध शराब और इसकी तस्करी में शामिल 18,658 वाहनों को जब्त किया है। जब्ती (seizure) का कुल मूल्य 273.86 करोड़ रुपये है। कम से कम 28,100 मामले शराबियों के खिलाफ दर्ज हुए। उनमें से 1,234 को PASA कानून के तहत गिरफ्तार किया गया। अन्य 749 लोगों को छोड़ दिया गया। ”
‘क्राइम इन इंडिया 2020’ पर एनसीबी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के चार शराबबंदी वाले राज्यों में से गुजरात में शराब के सबसे अधिक 2,42,847 मामलें हैं। इसके बाद बिहार में 45,235 मामले, मिजोरम में 251 और नागालैंड में 229 मामले हैं। इसके अलावा, गुजरात पुलिस अधिकारियों ने कहा कि 2018 की तुलना में चोरी और डकैती की घटनाओं में सीसीटीवी नेटवर्क का उपयोग करके पता लगाने की दर में 13% की वृद्धि हुई है। इसी तरह डकैती के मामलों का पता लगाने में 4% की वृद्धि हुई है। दंगों में शामिल तत्वों में 7% की वृद्धि हुई है।
पुलिस ने कहा कि रोड रेज, सड़क दुर्घटना या ट्रैफिक से संबंधित अपराधों की घटनाओं में ज्यादातर आरोप और प्रत्यारोप होते हैं। फिर भी ‘विश्वास’ परियोजना के तहत लगे कैमरों के फुटेज ने जांच में बहुत मदद की है।
सीसीटीवी नेटवर्क ने धार्मिक जुलूसों, वीवीआईपी यात्राओं, त्योहारों और मेलों के दौरान व्यवस्था बनाए रखने में भी मदद की है। राज्य पुलिस ने कैमरों की मदद से 3,500 से अधिक सार्वजनिक समारोहों और कार्यक्रमों पर नजर रखी है।
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