नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आरजी कर अस्पताल मामले में अपना पहला आरोपपत्र दाखिल किया है, जिसमें संजय रॉय पर एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या का आरोप लगाया गया है।
पश्चिम बंगाल की सियालदह अदालत में पेश किए गए आरोपपत्र में संजय रॉय को एकमात्र आरोपी बताया गया है, जिसमें सामूहिक बलात्कार की संभावना को खारिज किया गया है। सीबीआई की जांच में करीब 100 गवाहों से पूछताछ और 12 पॉलीग्राफ परीक्षण शामिल थे।
घटना के एक दिन बाद 10 अगस्त को कोलकाता पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए रॉय का दावा है कि उन्हें फंसाया जा रहा है। इसके बावजूद, सीबीआई उन्हें मामले में मुख्य संदिग्ध मानती है।
33 वर्षीय संदिग्ध की पहचान शुरू में अस्पताल में लगे सीसीटीवी फुटेज के जरिए की गई थी। आपातकालीन भवन की तीसरी मंजिल पर सेमिनार हॉल में पीड़िता के शव के पास मिले उसके ब्लूटूथ ईयरफोन से जांचकर्ताओं को उसका पता लगाने में मदद मिली।
पुलिस के अनुसार, पीड़ित का मुंह बंद कर दिया गया था, जिससे उसे कई चोटें आईं और गला घोंटने के कारण थायरॉयड कार्टिलेज टूट गया। रॉय को 9 अगस्त को सुबह 4 बजे अस्पताल में प्रवेश करते और लगभग 40 मिनट बाद बाहर निकलते देखा गया, उसका ईयरफोन गायब था, जो बाद में उसके सेलफोन से जुड़ गया।
पीड़ित के नाखूनों के नीचे मिले खून और त्वचा सहित फोरेंसिक साक्ष्य रॉय के डीएनए से मेल खाते हैं, जिससे अपराध में उसकी संलिप्तता और भी बढ़ गई है। प्रशिक्षु डॉक्टर का शव 9 अगस्त को सेमिनार हॉल में पाया गया, जिसके बाद गहन जांच की गई और अब रॉय के खिलाफ औपचारिक आरोप तय किए गए हैं।