केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 22 हजार करोड़ रुपये के लोन घोटाले में एबीजी शिपयार्ड (ABG Shipyard), इसके सीएमडी और अन्य अधिकारियों सहित 24 अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। मामले में यह सीबीआई की पहली चार्जशीट है। इसमें उसने कहा है कि आरोपियों ने देश भर में पैसे से अचल संपत्ति (real estates) खरीदी। सीबीआई ने अपनी जांच में विभिन्न माध्यमों से किए गए 5000 करोड़ रुपये के लेन-देन का खुलासा भी किया है। एजेंसी ने 7 फरवरी को एबीजी शिपयार्ड, उसके सीएमडी ऋषि कमलेश अग्रवाल, सीएफओ धनंजय दातार कॉरपोरेट गारंटर और अनजान लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
शिकायत स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने की थी। उसने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि आरोपी ने आईसीआईसीआई बैंक (ICICI bank) के नेतृत्व में 28 बैंकों के कंसोर्टियम (consortium) को धोखा दिया। इससे 22,842 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई। सीबीआई ने उल्लेख किया है कि अभियुक्तों द्वारा कथित रूप से बड़ी रकम अपने से संबंधित पक्षों को हस्तांतरित (transferred) की और बाद में समायोजन प्रविष्टियां (adjustment entries) की गईं।
बैंक लोन को डायवर्ट कर इसको विदेशी सहायक कंपनी में निवेश किया गया। यह भी आरोप लगाया गया था कि बैंकों से धन को संबंधित पक्षों (related parties) के नाम बड़ी संपत्ति की खरीद के लिए डायवर्ट किया गया था। इससे पहले 12 फरवरी को लगभग 13 स्थानों पर तलाशी ली गई थी। इस दौरान लोन लेने वाली कंपनी के अकाउंट बुक, खरीद, बिक्री विवरण, शेयर रजिस्टर, विभिन्न करार वाली फाइलों आदि सहित कई आपत्तिजनक दस्तावेजों की बरामदगी हुई थी।
विभिन्न ठिकानों पर की गई जांच के दौरान उक्त निजी कंपनी के अधिकारियों, बैंक अधिकारियों सहित कई गवाहों का परीक्षण (examined) किया गया।
सीबीआई ने 21 सितंबर को तत्कालीन प्रमोटर और अध्यक्ष को गिरफ्तार किया। जांच के दौरान पाया गया कि आरोपी ने दूसरों के साथ मिलकर साजिश रची और अपने कर्मचारियों की मदद से देश के भीतर और बाहर कई संस्थाओं को शामिल किया और बैंक फंड को डायवर्ट करते रहे।
जांच के दौरान पता चला कि अभियुक्तों ने धोखे से उक्त निजी कंपनी के बैंक/बिजनेस फंड की बड़ी राशि से बड़ी संख्या में आलीशान फ्लैट, बहुमंजिला इमारतें और जमीनें खरीदीं। सीबीआई ने कहा है कि उनकी जांच में एबीजी शिपयार्ड द्वारा सिंगापुर स्थित अपनी तीन अपतटीय समूह संस्थाओं के साथ धोखाधड़ी से 2010-2013 के बीच जारी की गई कई बैंक गारंटी पाने का खुलासा हुआ है। इससे बैंकों को नुकसान हुआ है।
सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक, एबीजी शिपयाड ने कथित रूप से सिंगापुर की एक अन्य फर्म के पक्ष में लेटर ऑफ क्रेडिट स्थापित करके सार्वजनिक धन की हेराफेरी की। जांच में कंपनियों के वेब के निर्माण के माध्यम से डायवर्जन भी पाया गया है, जिसका एक हिस्सा इस्तेमाल किया गया था। मुंबई में चार फ्लैट, एक आवासीय टॉवर, जिसमें 14 फ्लैट हैं और सूरत में लगभग 5-6 एकड़ की व्यावसायिक भूमि की खरीदारी की।
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