विश्वविद्यालय में नियुक्तियां: श्रेष्ठता अब एक तरह की अयोग्यता है
June 30, 2023 13:09रघुवीर सहाय ने बहुत पहले लिखा था इस देश में स्वाधीन दिमाग़ से लोग डरते हैं. वह अब नियम है. ‘मैं सोचता हूं अब अध्यापन के बारे में सोचना ही छोड़ दूं. कोई और पेशा देखूं.’,स्वर में निराशा, हताशा थी लेकिन अपनी नियति के प्रति तटस्थता भी. यह फोन मेरे विभाग के पिछले 15 साल […]