अहमदाबादः गुजरात के वन विभाग ने साबरमती नदी के किनारे तेंदुओं की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पिंजरे और नाइट विजन कैमरे लगा दिए हैं। पकड़े गए तेंदुओं के लिए विभाग वड़ोदरा के पास और गिर पूर्वी डिवीजन में दो नए सफारी पार्क भी बनाएगा।
वन विभाग के सीनियर अफसरों ने गांधीनगर में पूरे सेक्टर 20 की तलाशी ली, लेकिन उन्हें तेंदुए के पैरों के निशान, मल या उसके द्वारा छोटे जानवरों या मनुष्यों पर हमले का कोई निशान नहीं मिले हैं। एक अधिकारी ने कहा कि जहां तेंदुआ देखा गया था, उसके पास झाड़ियों में बछड़े के साथ एक नीलगाय मिली। उन्होंने कहा, “जहां नीलगाय और बछड़ा होता है, वहां तेंदुआ हो ही नहीं सकता।”
बता दें कि गांधीनगर के अक्षरधाम से करीब 100 मीटर की दूरी पर दो सफाई कर्मचारियों ने बुधवार सुबह कथित तौर पर एक तेंदुए को देखने की बात कही थी। इससे इलाके में दहशत फैल गई। पांच दिनों में राज्य की राजधानी में तेंदुए को दूसरी बार देखने का दावा किया गया। शुक्रवार की रात सचिवालय में तैनात एक पुलिस कांस्टेबल ने साबरमती के बीहड़ों के करीब संस्कृति कुंज के पास एक तेंदुए को देखने की सूचना दी। गांधीनगर के डिविजनल फॉरेस्स अफसर चंद्रेश शनाद्रे ने कहा, “हमें क्षेत्र में तेंदुए की उपस्थिति साबित करने के लिए उसके पैरों के निशान, मल-मूत्र जैसे सबूत नहीं मिले हैं। हमने साबरमती के किनारे आठ कैमरे लगा दिए हैं, ताकि तेंदुए की गतिविधियों को पकड़ा जा सके। क्षेत्र में किसी भी तेंदुए को पकड़ने के लिए नदी के किनारे पिंजरे भी रख दिए गए हैं।”
प्रभारी प्रधान मुख्य वन संरक्षक (principal chief conservator) नित्यानंद श्रीवास्तव ने कहा कि राज्य सरकार मनुष्यों पर हमला करने के बाद पकड़े गए तेंदुओं के लिए सफारी पार्क बना रही है। विभाग ने पहले ही वड़ोदरा के पास एक सफारी पार्क बना लिया है और दूसरा गिर पूर्व डिवीजन में बन रहा है। हम इन दो सफारी पार्कों में 100 से अधिक तेंदुए रख सकेंगे।’ विभाग के अधिकारियों ने कहा कि वडोदरा सफारी पार्क में 32 तेंदुए रखे जा सकेंगे, जबकि अमरेली जिले के गिर पूर्व में 62 तेंदुए रखे जा सकेंगे।
इस बीच, विभाग ने पकड़े गए तेंदुए की नसबंदी के लिए प्रस्ताव भेजा था, लेकिन राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (National Board of Wildlife) ने इसे ठुकरा दिया है।
अधिकारी ने कहा कि ऐसे में विभाग अधिक से अधिक सफारी पार्क बनाने के लिए मजबूर है। अधिकारियों ने कहा कि प्रजनन (breeding) को रोकने के लिए नर और मादा को अलग रखा जाता है। विभाग के पास देवलिया, सकरबाग चिड़ियाघर में तेंदुए के लिए पहले से ही घर है।
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