अपने इतिहास में पहली बार नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (comptroller and auditor general) यानी सीएजी ने त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थानों के ऑडिट के लिए जिला स्तर तक अपनी मौजूदगी दर्ज कराने का प्रस्ताव दिया है, जिसका इस समय किसी भी सरकारी ऑडिटर से ऑडिट नहीं होता है।
कई केंद्रीय और राज्य स्तरीय योजनाओं को लागू करने में सरकारी खर्च का बड़ा हिस्सा सीधे स्थानीय निकायों (local bodies) को जाता है। सूत्रों ने कहा कि फंड के भारी आवंटन को देखते हुए संघीय लेखा परीक्षक (federal auditor) ने प्रत्येक जिले में अपने ऑफिस खोलने और अकाउंट के उचित रखरखाव और पीआरआई के आडिट का प्रस्ताव तैयार किया है।
इस समय सीएजी (CAG) की उपस्थिति राज्यों की राजधानियों में है और इसके महालेखाकार (accountant general) का ऑफिस ही राज्य सरकारों के खातों का ऑडिट करता है। लेकिन स्थानीय निकायों का ऑडिट सरकार द्वारा नियुक्त ऑडिटर से कराया जाता है।
सूत्रों ने कहा कि जल्द ही जिलों में पायलट अध्ययन किया जाएगा। वह पंचायत स्तर पर नमूना डेटा संग्रह (sample data collection) केंद्र को अपनी भविष्य की विकास योजनाओं की योजना बनाने, जांच के दौरान पाई गई कमियों को दूर करने और खर्च में ट्रांसपेरेंसी लाने में मदद करेगा।
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