दिसंबर के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल कर फिर से सत्ता में आई भूपेंद्र पटेल सरकार ने अपने पहले बजट में विज्ञान और प्रौद्योगिकी (science and technology) के लिए 2,193 करोड़ रुपये अलग से रखे हैं। यह पिछले साल के 670 करोड़ रुपये की तुलना में 227 प्रतिशत अधिक है। 2023-24 के बजट में कुल आवंटन का लगभग 184 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय (capital expenditure) के लिए गुजरात काउंसिल ऑफ साइंस सिटी (जीएससीएससी) के लिए रखा गया है। इसमें 12 करोड़ रुपये ‘स्पेस मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर’ के लिए हैं।
‘स्पेस मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर’ को अहमदाबाद में इसरो के अंतरिक्ष उपयोग केंद्र, भारतीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) के सहयोग से बनाया जाएगा।
इस वर्ष बजट दस्तावेज के अनुसार, जीएससीएससी के कुल 184 करोड़ रुपये के आवंटन के हिस्से के रूप में विमानन और रक्षा गैलरी (aviation and defence gallery) के विकास के लिए 22 करोड़ रुपये भी आवंटित किए गए हैं। साइंस सिटी में “वर्टिकल आईटी एंड साइंस पार्क” के विकास के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए गुजरात की सामाजिक-आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि खगोल विज्ञान (astronomy) और अंतरिक्ष (space) गैलरी “भविष्य के आकर्षण के रूप में आकार ले रही है।” इसमें 173 सीटों और विभिन्न प्रदर्शनों के साथ एक हाइब्रिड तारामंडल होगा। आकाश में देखने के लिए 40 इंच के अपर्चर वाला एक टेलीस्कोप होगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, “लगभग 1,500-2,000 विजिटर रोजाना साइंस सिटी आते हैं। पिछले 20 वर्षों में, अक्टूबर 2022 में सबसे अधिक 1,67,929 विजिटर देखे गए। वैसे एक दिन में सबसे अधिक विजिटर 18,628 देखे गए।”