गुजरात Gujarat में 160 उम्मीदवारों की भाजपा की पहली सूची से जिन 38 विधायकों को हटा दिया गया है, उनमें पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी Former Chief Minister Vijay Rupani और पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल Former Deputy Chief Minister Nitin Patel के अलावा पूर्व मंत्री प्रदीप सिंह जडेजाFormer Minister Pradeep Singh Jadeja, , भूपेंद्रसिंह चूड़ासमा Bhupendra Singh Chudasama , सौरभ पटेलSaurabh Patel , आरसी फलदू RC Faldu और कौशिक पटेल Kaushik Patel भी हैं। इतना ही नहीं, सूची में मौजूदा कैबिनेट मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी और बृजेश मेरजा (Cabinet Ministers Rajendra Trivedi and Brijesh Merja )के नाम भी नहीं हैं। हालांकि 2017 के चुनाव में 1000 से कम वोटों के अंतर से जीतने वाले चूडासमा और पटेल का पत्ता कट गया है, लेकिन पार्टी ने दो ऐसे विधायकों को फिर से टिकट दिया है, जो इन दिग्गजों की तुलना में कम अंतर से जीते थे।
गुजरात चुनावों के लिए पार्टी उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करते हुए गुजरात प्रभारी और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने दिल्ली में कहा-हमारे सीनियर नेताओं ने पार्टी की हमेशा सेवा की है। अब उन्होंने पार्टी अध्यक्ष को पत्र लिखकर सूचित किया है कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे, बल्कि पार्टी के लिए काम करेंगे।
यादव ने रूपाणी, नितिन पटेल, चूड़ासमा, कौशिक पटेल, आरसी फालदू, प्रदीप सिंह जडेजा और सौरभ पटेल के नामों का उल्लेख किया, जिन्होंने चुनाव से बाहर होने के रहने के बारे में पार्टी अध्यक्ष को पत्र लिखा था।
ये सभी नेता विभिन्न क्षमताओं में भाजपा संगठन का हिस्सा थे और किसी समय राज्य सरकारों का हिस्सा भी थे।
उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग के लिए राज्य में करीब 10 दिन बिताने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक से अधिक बार कहा कि उम्मीदवार के चयन में जीत ही एकमात्र मानदंड (criteria) होगा।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) की मजबूत जड़ों वाले पार्टी के एक अन्य दिग्गज चूड़ासमा को भाजपा का सामाजिक रूप से सामंजस्यपूर्ण (harmonious face) चेहरा माना जाता है, जिन्होंने गुजरात में केशुभाई पटेल और नरेंद्र मोदी दोनों की सरकारों में मंत्री के रूप में काम किया। उन्होंने 2017 में अहमदाबाद जिले की ढोलका सीट से महज 327 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी।
चूड़ासमा ने 2002 और 2012 के चुनाव भी जीते थे, लेकिन इस बार उनकी जगह किरीटसिंह सरदारसिंह दाभी को टिकट दिया गया है। चूड़ासमा 2007 के चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार से लगभग 2,000 मतों के अंतर से हार गए थे। आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस सीट के लिए जट्टूबा गोल को उतारा है, जबकि कांग्रेस ने अभी तक यहां अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है।
पूर्व वित्त और ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल (Former Finance and Energy Minister Saurabh Patel )ने 2017 में बोटाद सीट 906 वोटों से जीती थी। पटेल ने 2002 में कांग्रेस के खिलाफ 33,000 वोटों के अंतर से और 2007 में लगभग 3,200 वोटों के साथ बीजेपी के लिए जीत दर्ज की थी। बीजेपी 2002 से सीट जीत रही है। बीजेपी ने इस बार घनश्यामभाई प्रागजीभाई विरानी को मैदान में उतारा है और आप के उम्मीदवार उमेश मकवाना हैं, जबकि कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है।
बिलकिस बानो मामले में 11 दोषियों की छूट को मंजूरी देने वाली जेल सलाहकार समिति के सदस्य रहे सीके राउलजी को फिर टिकट मिला है। हालांकि उन्होंने पिछले चुनाव में गोधरा सीट से 258 के अंतर से ही जीत हासिल की थी। 2007 में राउलजी ने लगभग 14,500 मतों के अंतर से कांग्रेस के लिए गोधरा सीट जीती थी। दो बार के कांग्रेस विधायक रहने के बाद राउलजी 2017 के चुनावों से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे। इस सीट पर आप के उम्मीदवार गौतम राजपूत हैं। इसी तरह 2017 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में कपराड़ा सीट से 170 मतों के अंतर से जीत हासिल करने वाले आदिवासी विधायक जीतू चौधरी को अब भाजपा का टिकट मिल गया है। इस बीच कांग्रेस वसंतभाई बरजुलभाई पटेल को मैदान में उतार रही है और आप जयेंद्रभाई गावित को मैदान में उतारेगी।
रूपाणी सरकार में गृह और कानून राज्य मंत्री रह चुके प्रदीपसिंह जडेजा राज्य के बड़े नेताओं में से हैं। उन्होंने पहले असरवा और फिर वटवा निर्वाचन क्षेत्र से गुजरात विधानसभा में भाजपा का प्रतिनिधित्व किया।
आरसी फालदू जामनगर (दक्षिण) RC Faldu Jamnagar (South) क्षेत्र से भाजपा के विधायक थे। रूपाणी सरकार में वह कृषि मंत्री थे। आरएसएस की जड़ें होने के कारण वह एक कार्यकाल के लिए गुजरात भाजपा अध्यक्ष भी थे। तब नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री थे। कौशिक पटेल भी भाजपा के एक सीनियर नेता थे, जो पार्टी के गढ़ नारनपुरा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। यह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रतिनिधित्व वाले गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र में आता है। कौशिक पटेल पहले पार्टी के उपाध्यक्ष भी थे। उनके पास सरकार में राजस्व का महत्वपूर्ण विभाग है।
अन्य सीनियर नेताओं राजेंद्र त्रिवेदी और वासन अहीर का भी पत्ता कट गया है। कच्छ से बीजेपी के मजबूत नेता अहीर 1995 से विधानसभा के लिए चुने जा रहे हैं। मौजूदा विधानसभा में वह अंजार सीट से विधायक हैं।
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