गुजरात विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक विजय हांसिल करने के लिए गुजरात भाजपा ने राज्य की मुस्लिम प्रभाव वाली 74 सीटों के लिए खास योजना तैयार की है। सदस्यता अभियान के तहत इन विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा को जवाबदारी दी गयी है खासतौर से उन 34 सीटों की जिनमे भाजपा को 2012 के दौरान हार का सामना करना पड़ा था।
2011 की जनगणना के अनुसार, गुजरात राज्य में हिंदू बहुसंख्यक हैं। हिंदू धर्म गुजरात की आबादी का 88.57 फीसदी है।
गुजरात में मुस्लिम आबादी कुल 6.04 करोड़ में से 58.47 लाख (9.67 प्रतिशत) है। गुजरात में ईसाई आबादी कुल 6.04 करोड़ में से 3.16 लाख (0.52 प्रतिशत) है। आनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर, गुजरात विधानसभा में 182 सीटों वाले सदन में 18 मुस्लिम विधायक हो सकते हैं।
लेकिन, यह संख्या कभी सात के पार नहीं गई। वर्तमान में तीन मुस्लिम विधायक विधानसभा में है , जिसमे इमरान खेड़ावाला जमालपुर खड़िया ,ग्यासुद्दीन शेख दरियापुर , इमरान , और जावेद पीरजादा ,वांकानेर का समावेश है। यह तीनो कांग्रेस के विधायक हैं और क्रमशः पहली , दूसरी और तीसरी बार निर्वाचित हुए है।
जनसंख्या के लिहाज से गुजरात में 74 सीटों पर जनसंख्या 20000 से अधिक है लेकिन बटी हुयी आबादी और औसत से कम मतदान प्रतिशत के कारण वह चुनाव को सभी सीटों पर प्रभावित नहीं कर पाए ।
20 हजार से 25 हजार मतदाता संख्या वाली 28 विधानसभा क्षेत्र में 2017 में 17 सीटों पर कमल खिला था , जबकि 10 कांग्रेस प्रत्याशी जीते थे ,महिसागर जिला की एक सीट लूणावाला पर निर्दलीय के तौर पर रतन सिग राठौड़ भाजपा से 3200 मतों से जीतने में कामयाब हुए थे।
25 से 30 हजार की मुस्लिम आबादी वाली 8 विधानसभा क्षेत्रों में 4 सीटों पर भगवा लहराया था , जबकि 3 पर कांग्रेस और एक पर कांग्रेस समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी जिग्नेश मेवानी बनासकांठा जिला के वडगाम से जीतने में कामयाब हुए थे।
इसी तरह 30 -35 हजार की आबादी 16 सीटों पर मुकाबला दोनों प्रमुख पार्टियों के बीच बराबर का रहा था। जबकि 35 से 45 हजार वाली 16 सीटों पर कांग्रेस ने भाजपा पर एक सीट की बढ़त बनायीं थी।
महज 6 सीट ऐसी हैं जिसमे मुस्लिम आबादी 50 प्रतिशत से अधिक है।
गुजरात में महज 6 सीट ऐसी हैं जिसमे मुस्लिम आबादी 50 प्रतिशत से अधिक है। जिसमे 3 सीट जमालपुर खड़िया ,दरियापुर और जम्बूसर ही जीत पायी थी , जबकि भाजपा लिंबायत , वागरा और भरुच बड़े अंतर से जीती थी।
गुजरात भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मोहसीन लोखंडवाला ने वाइब्स आफ इंडिया से कहा “हमने 45 सीटों को खासतौर पर चिन्हित किया है यह वह सीट है जो पिछले चुनाव में हम कम अंतर से जीते थे , या विपक्षी जीते थे। उन सीटों पर सदस्यता अभियान के दौरान मुस्लिमो को जोड़ा गया है।”
लाभार्थी को किया लक्षित
मोहसीन लोखंडवाला जोर देकर कहते हैं ” हमने हर विधानसभा के लिए लक्ष्य निर्धारित किये थे ,एक महीने तक हमने मुस्लिम आबादी के बीच जाकर उन्हें केंद्र और राज्य सरकार के योजनाओं की जानकारी दी है। आयुष्मान योजना , प्रधानमंत्री आवास योजना , मुफ्त गैस सिलेंडर योजना जैसी 12 से अधिक योजनाओं के अल्पसंख्यक लाभार्थियों से हमारे संगठन के लोगों ने समरसता अभियान के तहत मुलाकात कर उन्हें समझाया है कि कांग्रेस ने उनका केवल इस्तेमाल किया है , जबकि मोदी जी सबका साथ सबका विकास कर रहे है।”
गुजरात में भाजपा को मुस्लिम मतदान करते हैं यह चुनाव परिणाम बता रहे हैं.
डॉ मोहसीन लोखंडवाला कहते है गुजरात में 200 अधिक मुस्लिम जनप्रतिनिधि जिला पंचायत और तालुका पंचायत में जीते है , तालुका से लेकर जिला स्तर पर मुस्लिमो को जगह दी गयी , महानगर पालिका में जामनगर में भी एक मुस्लिम प्रत्याशी उतारा था लेकिन वह जीत नहीं पाया। अहमदाबाद जिले के जमालपुर-खड़िया में 61 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम मतदाता हैं।
भाजपा ने 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव में हम यह सीट जीते थे पार्टी को लगभग 20-25 प्रतिशत मुस्लिम वोट मिले थे , इस बार हमारा लक्ष्य हर सीट पर 25 प्रतिशत मुस्लिम वोट हासिल करना है , वह मुस्कुरा कर कहते हैं बाकी चुनाव प्रबंधन भी होता है, और उसमे भाजपा से बेहतर कोई नहीं है , शिक्षित, व्यापारी मुस्लिम बड़ी संख्या में जुड़ रहे हैं.
भाजपा मुस्लिम को विधानसभा में टिकट क्यों नहीं देती के जवाब में कहते हैं भाजपा जाति – धर्म में नहीं मानती। राष्ट्रवादी पार्टी है , यदि कोई जीतने वाला प्रत्याशी होगा तो पार्टी जरूर विचार करेगी।
गुजरात के मुस्लिम 20 साल के विकास के साक्षी बने है , गुजरात को बदनाम किया गया है।
नए खिलाड़ी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन यानी एआईएमआईएम को वह ना तो चुनौती मानते ना ही मुस्लिमों का हितैषी।