गुजरात विधानसभा चुनावों में करिश्माई जीत के बाद भाजपा अब नेताओं को तोहफा देगी। पार्टी की तरफ से अगले हफ्ते से राज्य में खाली पड़े निगमों में चेयरमैन, वाइस चेयरमैन और निदेशकों की नियुक्ति का ऐलान शुरू होगा। इसके लिए कई दौर की बैठक मुख्यमंत्री , भाजपा प्रदेश प्रमुख सीआर पाटिल , और संगठन महामंत्री रत्नाकर के बीच हुयी है। वाइब्स ऑफ़ इंडिया को भाजपा सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री से मुख्यमंत्री के दिल्ली प्रवास के दौरान कुछ नामों को लेकर चर्चा हुयी थी जिसके बाद नए सिरे से मंथन किया गया। गुजरात स्थापना दिवस के आस पास पहली सूची आ सकती है।
विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी ने तमाम निगमों के चेयरमैनों से इस्तीफा ले लिया था। इसके बाद पार्टी पदाधिकारियों और नेता नियुक्तियों के इंतजार में थे। पार्टी संगठन के लिए गंभीरता से काम करने वाले कुछ नेताओं और विधायकों को लॉटरी लगने की उम्मीद है। पहले चरण में करीब दर्जन भर बोर्ड के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और निदेशकों के नामों का ऐलान हो सकता है। पार्टी 2024 को देखते हुए बोर्ड और निगमों के चेयरमैन और वाइस चेयरमैन की नियुक्ति में नए समीकरण भी साध सकती है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुजरात के महत्वपूर्ण बोर्ड निगमों में भर्तियां, चेयरमैन, वाइस चेयरमैन, निदेशकों के नामों की घोषणा अगले सप्ताह की जाएगी। पिछले कुछ समय से निगमों में पद खाली पड़े हैं। चुनाव से पहले अधिकांश मंडलों ने निगम में अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। पार्टी ने गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले बोर्ड ने निगम के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के इस्तीफे की मांगे थे। इनमें काफी ऐसे में भी थे जिनका कार्यकाल खत्म होने को था। अब चर्चा यह है कि नई नियुक्तियों में पार्टी नेताओं, विधायकों और चुनाव के समय दूसरे दलों से आए नेताओं को भी बोर्ड और निगम में जगह मिल सकती है।
बोर्ड और निगमों में चेयरमैन और वाइस चेयरमैन नियुक्त करने के लिए शीर्ष स्तर पर चर्चा हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार राज्य में पार्टी नेतृत्व ने काफी सारों नामों पर चर्चा करके एक सूची फाइनल कर ली है। जिनके नाम तय हो चुके हैं। उनके नामों का ऐलान अगले हफ्ते हो जाएगा। बाकी के नामों का ऐलान अगली सूची में किया जाएगा। पार्टी कुछ युवा नेताओं को निगम और बोर्ड का चेयरमैन बनाने के साथ निदेशक नियुक्त कर सकती है। पार्टी इसमें कुछ युवा नेताओं को भी तवज्जों दे सकती है। सूत्र बताते हैं कि विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद ही बोर्ड निगम भर्ती की कवायद शुरू हो गई थी, लेकिन कुछ नामों पर पेंच फंसने के बाद मामला अटक गया था। ऐसे में अब जब मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल दूसरे कार्यकाल के चार महीने पूरे कर चुके हैं। ऐसे में सरकार अब और देरी करने के मूड में नहीं है।