- गुजरात विधानसभा चुनाव – मिशन 182 के लिए टीम मोदी बनने का निर्देश
भाजपा के चाणक्य और गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में दो दिवसीय चिंतन शिविर के पहले दिन भाजपा ने गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर अपना ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है. जिसमे संगठन – सरकार – संघ के सहारे मिशन 182 को पूर्ण करने का लक्ष्य बनाया गया है.
जिसका असर बैठक में उपस्थित नेताओ को देखकर ही लगने लगा था। बैठक के दौरान राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष , और गुजरात संगठन मंत्री रत्नाकर आरएसएस प्रतिनिधि के तौर पर मौजूद रहे।
दो सत्र में चली बैठक के दौरान गुजरात प्रभारी भूपेंद्र यादव और सह प्रभारी सुधीर गुप्ता ने संगठन का प्रतिनिधित्व किया। बैठक के दौरान प्रदेश प्रमुख सी आर पाटिल ने संगठन की गतिविधि और भावी आयोजनों से अवगत कराया।
बंद कमरे में दो सत्र में हुयी बैठक
बंद कमरे में दो सत्र में हुयी बैठक के दौरान विभिन्न राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा की गयी। सूत्रों के मुताबिक चिंतन शिविर में तय किया गया की सरकार संगठन और संघ के तीहरे प्रहार से मिशन 182 को पूरा किया जायेगा। साथ ही आम आदमी पार्टी से आक्रामकता से निपटने का तय किया गया है।
बैठक के दौरान सरकार के पांच कद्दावर मंत्री गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी , स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल , शिक्षा मंत्री और सरकार के प्रवक्ता जीतू वाघणी ने प्रस्तुति दी।
भूपेंद्र पटेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह पहला मौका है जब सरकार और संगठन को अलग अलग कसौटी पर कसने की कोशिश की जा रही है ।आम आदमी पार्टी अब बीजेपी को सीधा झटका देने के लिए बीजेपी के गढ़ पर नजर गड़ाए हुए है.
विधानसभा 2017 के बाद जितने चुनाव हुए चाहे वह स्थानीय निकाय के हो या उप चुनाव हर जगह भाजपा का सफलता प्रतिशत उच्चतम है।बी एल संतोष अलावा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा पहले ही विधायक – सांसद , महानगर पालिका के चारो पदाधिकारियों ,जिला प्रमुख – महामंत्री , प्रदेश संगठन के पदाधिकारियों , के साथ इसी महीने बैठक कर चुके है।
भाजपा प्रदेश प्रमुख सी आर पाटिल भी लगातार प्रवास में है , एक जिला एक दिन का कार्यक्रम मूलत जमीनी हालत का जायजा लेने का ही है।
इस बैठक के दौरान सबसे अहम् पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी , पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल तथा गुजरात सरकार के आदिवासी मंत्री गणपत वसावा की उपस्थिति रही।
नयी सरकार और नयी परिस्थितियों में तीनों नेता किनारे कर दिए गए थे। सरकार की नीतियों को जन जन तक पहुचाने और लाभार्थियों से संवाद बढ़ाने की मंशा जाहिर की गयी।
साथ ही निर्वाचित विधायकों , और संगठन पदाधिकारियों समन्वय बनाकर लोगों के बीच में रहने के निर्देश दिए गए।
नरेश पटेल पर मौन रखने की सलाह
चिंतन शिविर के दौरान एक अहम् निर्णय के तहत तय किया गया कि पाटीदार नेता नरेश पटेल के खिलाफ तब तक कोई बयान प्रवक्ता या भाजपा नेता की तरफ से नहीं दिए जायेंगे , जब तक की वह किसी दूसरे राजनीतिक दल में शामिल नहीं हो जाते।
लेउआ पाटीदार समाज के प्रमुख नरेश पटेल के खिलाफ हाल ही में कई भाजपा नेताओं ने बयान दिया था।
हार्दिक पटेल की नहीं हुयी चर्चा
चिंतन शिविर के दौरान कांग्रेस के असंतुष्ट पटेल नेता हार्दिक पटेल को लेकर किसी तरह की चर्चा होने की पुष्टी सूत्रों ने नहीं की। जबकि लम्बे समय से कयास लगाए जा रहे थे , की वह कभी भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं।