चुनावी वर्ष में गुजरात भाजपा प्रदेश प्रमुख राज्य भर में दीवारों पर कमल बनाने की शुरुआत की थी , लेकिन कमल बनाने के लिये ज्यादातर जगह सरकारी दीवारों का उपयोग किया जा रहा था , जिसका कई जगह विरोध भी हुआ , जिसके तहत राजकोट में भी भाजपा ने महानगर पालिका की सम्पतियों पर कमल बनाया था , लेकिन बीजेपी ने राजकोट में चित्रनगरी पहल के तहत एक एनजीओ द्वारा बनाई गई कलाकृतियों पर कमल के प्रतीक को पेंट करने वाली दीवारों पर सफेदी कर दी.
इस साल के अंत में गुजरात विधानसभा चुनावों से पहले अपने अभियान के तहत बीजेपी राज्य भर में चुनाव चिन्ह से दीवारों को पेंट कर रही थी. मिशन स्मार्ट सिटी ट्रस्ट (एमएससीटी) ने गुरुवार देर रात रेस कोर्स रिंग रोड पर बीजेपी द्वारा काम पर रखे गए पेंटर्स के काम पर आपत्ति जताई.
एमएससीटी के प्रबंध ट्रस्टी के मुताबिक “इस क्षेत्र से गुजरने वाले कलाकारों ने चुनाव चिन्हों को हमारी पेंटिंग्स के ऊपर बनाते देखा मैंने राजकोट के पार्टी की नगर इकाई के प्रमुख कमलेश मिरानी से फोटो के साथ शिकायत की. मैंने उनसे कहा कि अगर यह जारी रहा, तो भाजपा का 10 दिन का लंबा अभियान 1,000 कलाकारों की मेहनत पर पानी फेर सकता है, जिन्होंने 15,000 दीवार पेंटिंग बनाई थी. जिन कार्यों को अधिक पेंट किया गया था उनमें जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ चेतावनी शामिल है.
‘विरोध के बाद, बीजेपी ने कमल चिन्हों को सफेद कर दिया’
पार्टी की राजकोट के शहर प्रमुख प्रमुख कमलेश मिरानी ने कहा कि एनजीओ के विरोध के बाद, बीजेपी ने कमल चिन्हों को सफेद कर दिया, मिरानी ने कहा कि यह एक गलती थी. हमारे चित्रकारों ने किसानपारा चौक में मौजूदा दीवार चित्रों पर चुनाव चिन्ह को पेंट करने में गलती की. हमारे संज्ञान में लाए जाने के बाद, हमने उन्हें सफेदी करवा ( ऊपर से सफ़ेद पेंट कराना ) और हमने जीतूभाई को आश्वासन दिया, जो हमारे अपने परिवार से हैं, कि ऐसा दोबारा नहीं होगा.
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