गुजरात की राजनीति ऊपर से भले ही शांत दिख रही हो , लेकिन अंदर ज्वालामुखी सक्रीय है। जिसका भय परम्परागत सत्ताधारी भाजपा और स्थायी विपक्ष कांग्रेस के साथ ही नए खिलाडी आम आदमी पार्टी को भी सत्ता रहे है। निर्धारित समय से 7 महीने पहले राजनीतिक सक्रियता कई सवालों को जन्म दे रही है। जिसके लिए चिंतन का सहारा लिया जा रहा है।
केवडिया में आयोजित आदिवासी राष्ट्रीय कार्यकारणी के खत्म होने के साथ ही गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय से कल शाम दो दिन के लिए चिंतन शिविर का कार्यक्रम आ गया। आनन फानन में प्रदेश मुख्यालय ने नल सरोवर रोड स्थित केंस विला को निर्धारित किया गया।भाजपा प्रदेश प्रवक्ता डॉ यज्ञेश दवे के मुताबिक भाजपा प्रदेश प्रमुख सी आर पाटिल की अध्यक्षता में आयोजित15 -16 मई की चिंतन शिविर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अलावा , गुजरात प्रभारी और राज्य सभा सांसद भूपेंद्र यादव ,सह प्रभारी सुधीर गुप्ता ,मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल तथा अन्य अपेक्षित मौजूद रहेंगे।
लेकिन सूत्रों के मुताबिक यह चिंतन शिविर केवल सामान्य राजनीतिक बैठक नहीं है , यह कई मायनों में खास है , बैठक के दौरान गुजरात सरकार की समीझा की जाएगी। नए संगठन के पदाधिकारियों के अलावा कुछ पुराने मंत्रियो तथा पूर्व पदाधिकारियों को भी आमत्रित किया गया। संगठन महासचिव बी एल संतोष भी बैठक में शामिल हो सकते है , अगर ऐसा होता है तो 15 दिन में उनका तीसरा दौरा होगा।
बी एल संतोष अलावा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा पहले ही विधायक – सांसद , महानगर पालिका के चारो पदाधिकारियों ,जिला प्रमुख – महामंत्री , प्रदेश संगठन के पदाधिकारियों , के साथ इसी महीने बैठक कर चुके है। भाजपा प्रदेश प्रमुख सी आर पाटिल भी लगातार प्रवास में है , एक जिला एक दिन का कार्यक्रम मूलत जमीनी हालत का जायजा लेने का ही है। यानि फीडबैक पूरी तरह से तैयार है इस बैठक में रणनीतिक चर्चा के बाद ब्लू प्रिंट को अंतिम रूप दिया जायेगा।
गुजरात में विधानसभा 2017 के बाद जितने चुनाव हुए चाहे वह स्थानीय निकाय के हो या उप चुनाव हर जगह भाजपा का सफलता प्रतिशत उच्चतम है।
वही कांग्रेस राहुल गाँधी के दाहोद दौरे के बाद राजस्थान में दो दिन का चिंतन शिविर कर रही है ,कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोषी के मुताबिक इस चिंतन शिविर में गुजरात का शीर्ष नेतृत्व के आलावा 15 मेहमान जा रहे हैं।
जबकि नए खिलाडी के तौर पर अपनी जमीन तलाश रही रही आम आदमी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल गुजरात को अपना दूसरा घर बनाने के मुड में है।
जब अमित शाह भाजपा नेताओं के साथ चिंतन शिविर में व्यस्त होंगे उसी समय वह अहमदाबाद में ही सरकार की विफलता और महगाई सहित मुद्दों को जनता के सामने लाएंगे। अरविन्द केजरीवाल 15 मई को अहमदाबाद से गुजरात यात्रा की शुरुआत कराएँगे। 1 मई को भरुच में जबकि 11 मई को राजकोट में जनसभा कर चुके हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी राजकोट में 29 को अस्पताल के उद्धाटन समारोह में भाग लेकर 2 लाख पाटीदारों को सम्बोधित करेंगे। सीधे सीधे कहें तो गुजरात की गर्मी और सियासी गहमागहमी दोनों अपने रिकॉर्ड स्तर पर है।