कभी देश की सबसे सुरक्षित जेल मानी जाने वाली तिहाड़ जेल विवादों से घिरती जा रही है | दो साल की नौकरी के बाद तिहाड़ जेल के 47 अधिकारियों का बायोमेट्रिक सैंपल फेल हो गया | अब दिल्ली सबोर्डिनेट सर्विस सलेक्शन बोर्ड ने उनका वेतन रोक कर जाँच के आदेश दिए हैं | उक्त अधिकारी जेल के सभी सेल में सिक्योरिटी को हैंडल कर रहे थे | ये अधिकारी दो साल से जेल वॉर्डन और असिस्टेंड सुपरिंटेंडेंट जैसे पदों पर पदस्थ थे |
, दिल्ली सबोर्डिनेट सर्विस सलेक्शन बोर्ड ने नवंबर 2021 के अखिरी हफ्ते में तिहाड़ जेल के अंदर बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन अभियान चलाया था। इस दौरान 2019 से लेकर अब तक DSSSB एग्जाम पास कर तिहाड़ जेल में जितनी भी भर्तियां हुई थीं, उनके बायोमेट्रिक सैंपल लिए गए थे।अब उन सैंपल्स के नतीजे सामने आए हैं, जिनमें 47 बायोमेट्रिक सैंपल मैच नहीं हुए। भर्ती प्रक्रिया के दौरान सभी परीक्षार्थियों के बायोमेट्रिक सैंपल भी लिए जाते हैं | जिनके साथ इन 47 अधिकारियों के सैंपल मैच नहीं हो सके, ये 47 अधिकारी 2 साल से नौकरी कर रहे थे। सैलरी भी ले रहे थे, सारी सरकारी काम भी संभाल रहे थे, लेकिन कैसे? बायोमेट्रिक सैंपल मैच नहीं हुए, तो इन्हें किसने भर्ती किया? DSSSB की जगह इन 47 लोगों किसने और कैसे भर्ती किया। कैसे इन 47 अधिकारियों को सैलरी दी जा रही थी। कौन-कौन से फर्जी दस्तावेज बनाकर किस-किसने ये खेल किया होगा, जांच के बाद सब सामने आने वाला है।
तिहाड़ जेल पिछले काफी समय से सुर्खियों में बनी हुई है। अभी कुछ दिन हुए हैं जब मनी लॉन्ड्रिंग केस कैद सुकेश चंद्रशेखर के तिहाड़ जेल के अंदर से ही उगाही करने का मामला सामने आया था। उगाही भी किसी ऐसे-वैसे आदमी से नहीं बल्कि रैनबैक्सी के मालिक शिविंदर सिंह की पत्नी अदिति सिंह से। सुकेश ने तिहाड़ में बैठे-बैठे करीब 200 करोड़ की ठगी को कैसे अंजाम दिया होगा, जेल के अंदर किस-किस से मदद ली होगी, ये अब आप सोचते रहिए। वैसे इसमें हैरानी की बात नहीं है, तिहाड़ के अंदर कुछ भी संभव है।